बुधवार को कश्मीर में एक आत्मघाती हमले में आंतकवादियों ने बेमिना क्षेत्र में सीआरपीएफ के एक शिविर पर हमला कर दिया, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए और सात घायल हो गए। शहीद हुए जवानों में सीहोर जिले का भी एक जवान शामिल है, जिसके शहीद होने की खबर से पूरे गांव में सन्नाटा और मातम है।

क्या पता था लौटकर नहीं आएगा
शहीद जवान 15 दिन पहले ही छुट्टी मनाकर वापस कश्मीर गया था, जिस समय वो गांव से जा रहा था तब किसी को इस बात का यकीन नहीं था कि वो अब लौटकर कभी गांव नहीं आएगा। बताया जाता है कि, छह माह पहले ओमप्रकाश के पिता गलजी का निधन हो गया था। उनके निधन पर ओमप्रकाश अपने गांव आया था और छुट्टी समाप्त होने पर पन्द्रह दिन पहले ही ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए रवाना हुआ था।
पांच साल पहले भर्ती हुआ था
शहीद जवान ओमप्रकाश पांच साल पहले देश की रक्षा का संकल्प लेते हुए सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। उसके पांच भाई है, जिसमें से एक भाई सीआरपीएफ में पहले से है तथा तीन भाई गांव में ही खेती किसानी करते है। उसका विवाह आठ साल पहले कोमल के साथ हुआ था, जिससे उसे एक साल का लड़का और एक चार साल की लड़की भी है।