इस मौके अनीस मंसूरी ने सामूहिक विवाह में आए जोड़ों को आर्शीवाद देते हुए कहा कि मुस्लिम समाज में फिजूलखर्ची को रोकने तथा गरीब परिवार की बेटियों की शादी आसानी से कराने के लिए सामूहिक विवाह किये जाते है। इस्लाम में निकाह या अन्य किसी भी काम पर फिजूलखर्ची से मना किया गया। उन्होंने सभी वर्गों से अपील की है कि अपने बेटो व बेटियों की शादी सामूहिक विवाह सम्मेलन में करें, ताकि अमीरी गरीबी तथा ऊंच नीच के साथ ही दहेज प्रथा का अंत हो जाए। कार्यक्रम के संयोजक राशिद मंसूरी ने कहा कि पिछड़े इलाके मे फिजूलखर्ची रोकना आम मुस्लिम परिवारों के लिए फायदेमंद होगा।
इस मौके पर अतीक मंसूरी, सुल्तान मंसूरी, लियाकत मंसूरी, कादिर मंसूरी, नजर मोहम्मद मंसूरी, फौजी मंसूरी, जीमल मंसूरी, जद्दीक मंसूरी, आबिद मंसूरी, आसिफ मंसूरी, मोहम्मद हनीफ मंसूरी, हाजी बाबू शाह अल्वी, इकबाल, शब्बन मंसूरी सहित पसमांदा मुस्लिम समाज के हजारों लोग उपस्थित थे।