रेलिक रिपोर्टर, मुंबई.
सरकार
में शामिल करने से पहले भाजपा ने शिवसेना के सामने शर्त रखी है कि,
सार्वजनिक तौर पर सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे माफी मांगे। चुनाव प्रचार के
दौरान पीएम मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणियों को भाजपा ने गंभीरता से लिया
है। अब उसी का हिसाब चुकाने के लिए भाजपा ने शिवसेना से दोबारा गठबंधन पर
चुप्पी नहीं तोड़ी है। मंगलवार को देवेंद्र फड़नवीस को भाजपा विधायक दल का
नेता चुना गया। वे 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
चुनाव प्रचार के दौरान मोदी पर किए कटाक्ष से बढी कटुता
अब उद्धव ठाकरे से माफी मांगने की शर्त रखी भाजपा ने
अब
तक ये स्पष्ट नहीं है कि पार्टी शिवसेना के समर्थन से सरकार बनाएगी या
अन्य तरीकों से। दूसरी आरे, शिवसेना नेता संजय राऊत लगातारकह रहे हैं कि
भाजपा और शिवसेना गठबंधन ही सरकार बनाएगा। हालांकि शिवसेना की मनुहार की
कोशिशों को भाजपा ने सकारात्मक जवाब नहीं दिया है। दूसरी ओर, भाजपा के
केंद्रीय नेतृत्व ने इच्छा जताई है कि शिवसेना प्रमुख उद्घव ठाकरे अपने
पुराने बयानों के लिए पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष
अमित शाह से माफी मांगे, उसके बाद ही गठबंधन पर बातचीत हो पाएगी।
मोदी के पिता पर भी कमेंट किया था ठाकरे ने
विधानसभा
चुनाव के दौराना शिवसेना प्रमुख उद्घव ठाकरे ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह
के खिलाफ तीखी टिप्पणियां की थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा के स्टार
कैंपेनर अफजल खान की औलाद की तरह हैं। तुलजापुर के एक जनसभा को संबोधित
करते हुए उन्होंने कहा था कि पहले मोदी की प्रचार करने आया और बाद उसकी
पूरी केबिनेट महाराष्ट्र में प्रचार कर रही है। ये अफजल खान की सेना की तरह
हैं, जो महाराष्ट्र को जीतना चाहते हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी
उद्घव ने मतदान से एक दिन पहले सामना में लिखे एक लेख में उन्होंने कहा था
कि लोकसभा चुनावों के बाद भाजपा ने शिवसेना को अनदेखा किया। शिवसेना के
कारण ही उन्हें लोकसभा चुनाव मे बहुमत मिल पाया था। महाराष्ट्र में शिवसेना
के बिना नरेंद्र मोदी के बाप दामोदरदास मोदी भी नहीं जीत सकते।
शिवसेना माफी मांगे तो होगी भाजपा संग सरकार में
अक्टूबर 29, 2014
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