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आसमान के बादशाह गिद्धों की संख्या में हो रही वृद्धि

अरुण सिंह, पन्ना.

विलुप्त होने की कगार में पहुंच चुके आसमान के बादशाह कहे जाने वाले मांसाहारी पक्षी गिद्धों की संख्या पन्ना टाइगर रिजर्व के जंगल में तेजी से बढ़ रही है। यहां की प्राकृतिक आबो-हवा व अनुकूल रहवास स्थानीय गिद्धों के अलावा प्रवासी गिद्धों को भी रास आ रही है। आकाश में ऊंची उड़ाने भरते गिद्ध यहां सहज ही नजर आते हैं, जो पर्यावरण व पक्षी प्रेमियों के लिए एक सुखद समाचार है। पन्ना टाइगर रिजर्व में 5 से 8 फरवरी तक हुई गिद्धों की गणना में विभिन्न प्रजाति के कुल 1676 गिद्ध पाये गये हैं, जो बीते वर्ष हुई गणना 910 की तुलना में काफी अधिक है। 

आसमान के बादशाह गिद्धों की संख्या में हो रही वृद्धि
पन्ना टाइगर रिजर्व बना इन पक्षियों का पसंदीदा ठिकाना

विशिष्ट गणना में नौ प्रजाति के 1676 गिद्ध पाये गये

गिद्ध गणना में 12 राज्यों के 68 विशेषज्ञ रहे शामिल


क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व आर श्री निवास मूर्ति ने जानकारी देते हुए आज बताया कि इस वर्ष हुई गिद्ध गणना में एसओपी तकनीक का उपयोग किया गया है, जबकि इसके पूर्व वर्ष 2011 से 2014 तक पीपीपी पद्धति से गिद्धों की गणना की जाती रही है। पन्ना टाइगर रिजर्व के 28 गिद्ध गणना स्थलों में 12 राज्यों के 68 प्रतिभागियों सहित 12 स्थानीय गाइडों ने भी गिद्धों की गणना में सहभागिता निभाई। प्रतिभागियों द्वारा एकत्रित की गई जानकारी की विश्वसनीयता को कायम रखने के लिए मौके पर जीपीएस का अभिलेखन भी किया गया। गणना की इस प्रक्रिया में टेलिस्कोप का भी उपयोग हुआ है। गिद्धों की संख्या के साथ-साथ गिद्धों के घोसलों की भी गिनती एसओपी के माध्यम से बेहतर संभव हो सकी है। इस पूरी प्रक्रिया को विकसित करने में हैदराबाद के अरूण वासि रेड्डी एवं कीर्ति कुमार अनुमूला व उनके सहयोगियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 

आसमान के बादशाह गिद्धों की संख्या में हो रही वृद्धि
गिद्धों की गणना के आंकडों से स्पष्ट होता है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में लांग विल्ड वल्चर की संख्या उत्साह जनक रूप से बढ़ी है। इनकी संख्या 1191 पाई गई है तथा लांग विल्ड वल्चर के 398 जीवित घोसलें भी पाये गये हैं, जो एक शुभ संकेत है। गणना में व्हाइट बैक्ड वल्चर 45, इजिप्सियन वल्चर 12 तथा रेड हेडेड वल्चर 20 पाये गये हैं। प्रवासी गिद्धों में यूरेसियन ग्रिफन वल्चर 139, हिमालयन ग्रिफन 144 तथा सेनरस वल्चर की संख्या 1 पाई गई है। गणना में जिन गिद्धों की पहचान नहीं की जा सकी है, उनकी संख्या 124 है। हालांकि, आंकड़ों में व्हाइट बैक्ड वल्चरों की संख्या विगत वर्षों की तुलना में कम है, जो चिंता की बात है। इस वर्ष इनकी संख्या 45 आंकी गई है, जबकि 2013 में 146 तथा 2014 में 54 थी। बताया गया है कि व्हाइट बैक्ड वल्चर के घोसले फरवरी के बाद बनाये जाते हैं, ऐसे में इनके बारे में अलग से अध्ययन करने की योजना है। इस वर्ष की गणना में 1260 से अधिक स्थानीय गिद्ध एवं 260 से अधिक प्रवासी गिद्ध चिन्हित किये गये हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि इस वर्ष भी 18 की संख्या में पेरीग्रीन फलकन पिक पाये गये हैं।

सबसे तेज रफ्तार पक्षी पेरीग्रीन फलकन भी मिले
पन्ना टाइगर रिजर्व में चार दिनों तक चली गिद्धों की गणना के दौरान दुनिया के सबसे तेज रफ्तार पक्षी पेरीग्रीन फलकन पिक भी पाये गये हैं। इन मांसाहारी पक्षियों की संख्या यहां पर 18 है जो निश्चित ही उल्लेखनीय और हैरानीवाली बात है। उप संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व अनुपम सहाय इस अनूठे पक्षी के बारे में बताते हैं कि पेरीग्रीन फलकन पिक 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है जो दुनिया के तेज रफ्तार पक्षियों में सबसे ज्यादा है। इस पक्षी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह उड़ान भरते हुए जीवित पक्षियों को ही पकडकर खाता है। यह पक्षी शिकार करके जिन्दा रहता है। श्री सहाय ने बताया कि इस बार पन्ना टाइगर रिजर्व के अलावा पवई में भी गिद्धों की गणना कराई गई जहां विभिन्न प्रजाति के 235 गिद्ध पाये गये हैं।

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