सुर शंकरा म्यूजिकल ग्रुप के बैनर तले केंद्र और राज्य शासन के विभिन्न विभागों के मुलाजिमों ने आज 9
दिसंबर 2017 दुष्यन्त कुमार संग्रहालय सभागार (प्लेटिनम प्लाजा के पास, साउथ टीटी नगर स्थित) में शाम 6.30 बजे से
अपनी गायन प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जो समाचार दिए जाने तक जारी है। यह कार्यक्रम रात्रि 10 बजे तक
चलेगा। सरकारी मुलाजिम कराओके
म्यूजिक सिस्टम की सहायता से दूसरी
बार सदाबहार फिल्मी नगमों के गायन का प्रदर्शन कर रहे हैं। कार्यक्रम शुरू करने के पूर्व महान अभिनेता शशिकपूर को श्रृद्धांजलि दी गई।
प्रदेश की सुप्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायिका सुलेखा भट्ट ने दीप
प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। शहर के ख्यातनाम गायक प्रदीप
सुकुमारन, जॉयस थॉमस, प्रवीण शेवरे एवं विजय मालवीय इस अवसर पर उपस्थित थे। नगमों
भरी शाम की शुरूआत इंजीनियर प्रतीक गर्ग के गाए पार्श्व गीत ''एक अजनबी हसीना से
यूं मुलाकात हो गई'' से हुई। म्यूजिकल ग्रुप के अध्यक्ष सुरेश गर्ग ने 'तुम अगर
साथ देने का वादा करो' गाकर दर्शकों की तालियां बटोरीं। ग्रुप के कलाकार मोहन
अय्यर ने ''तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अंजाना'' की प्रस्तुति देकर रोमांचित किया।
मनीष मांडलिक ने ''ओ
मेरी शर्मीली'' और पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी अरविंद दयाल शर्मा ने ''हाल क्या है
दिलों का न पूछो सनम'' सुनाकर किशोर दा की यादें ताजा कर दीं। संतोष तिवारी ने
''सजनवा बैरी हो गए हमार'', अनूप तिवारी ने ''तौबा ये मतवाली चाल'' और इरशाद खान
ने ''जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे'' के माध्यम से महान गायक मुकेश को याद
किया। संजय लाढ ने ''गुलाबी आंखे जो तेरी देखीं'' नेतराज सोलंकी ने ''चलो रे डोली
उठाओ कहार'' पेशे से चिकित्सक डॉ संदीप अग्रवाल ने ''चाहूंगा मैं तुझे सांझ
सवेरे'' और गिरीश गर्ग ने ''रूख से जरा नकाब हटा लो मेरे हुजूर'' अलावा अमित गर्ग
ने ''नींद न मुझ को आए'' की प्रस्तुतियां दीं।
महिला गायिकाओं की विशेष प्रस्तुति
पहली बार मंच पर आईं सुधा गोरे ने ''रहें न रहें हम, महका करेंगे'' गीत पर
आवाज दी, जबकि निशा द्विवेदी ने ''दिल तो है दिल दिल का एतबार क्या कीजे'' की
प्रस्तुति दीं।