भोपाल
मुख्यमंत्री बनने के 60 दिन बाद कमलनाथ उनका गृह जिला छिंदवाड़ा छोड़कर पहली बार सरकारी दौरे पर जबलपुर जा रहे हैं, जहां वे 16 फरवरी को कैबिनेट की होने वाली बैठक में भाग लेंगे। प्रदेश के गठन के बाद जबलपुर में यह पहली मंत्रिमंडल की बैठक है। अब तक नाथ सिर्फ राजधानी से बाहर विदेश दौरे पर दावोस, दिल्ली के अलावा उज्जैन और दतिया सिर्फ दर्शन के लिए ही गए हैं।
नाथ कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय सेठ से भी मुलाकात करने जाएंगे। वे इस मंत्रिमंडल की बैठक के जरिए महाकौशल और विंध्य क्षेत्र के लंबित मुद्दों पर मंत्रिमंडल के सदस्यों से चर्चा करेंगे। फिलहाल हाईकोर्ट में राज्य सरकार से 2.25 लाख से ज्यादा मामले लंबित हैं। इनका जल्द किस तरह से निराकरण किया जा सके।
इसके साथ ही नए कोर्ट खोले जाने और जजेज की नियुक्ति भी चर्चा हो सकती है। शक्ति भवन में होने वाली बैठक की सभी तैयारियों की जिम्मेदारी ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह को सौंपी गई है। कमलनाथ सरकार की राजधानी से बाहर कैबिनेट की यह पहली बैठक राज्यसभा सांसद और कांग्रेस विधि आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तन्खा की पहल पर की जा रही है।
उनका कहना है कि इस बैठक के जरिए महाकौशल की पहचान को लौटाना चाहते हैं। कैबिनेट में जबलपुर में फुटबाल की स्पोटर्स अकादमी खोले जाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही जयपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 12 जो भोपाल से होकर गुजरता है। इस मार्ग की भोपाल से जबलपुर के बीच हालत ठीक नहीं है। इस मार्ग का काम जल्दी पूरा किया जाने पर भी चर्चा प्रस्तावित है।
इस सड़क का निर्माण कार्य मिनिस्टरी ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (एमओ आरटीएस) की निगरानी में एमपीआरडीसी कर रहा है। इसलिए इस सड़क के निर्माण कार्य जल्दी हो। इस बारे में चर्चा की जाएगी।
इंवेस्टर्स समिट की फाइलें निकलवाईं :
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जबलपुर में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुई इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए एमओयू की फाइलों को भी निकलवाने के निर्देश दिए हैं। उद्योग विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस समिट में हुए 1 लाख करोड़ के करारों में अब से तक कोई प्रोग्रेस नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जबलपुर में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुई इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए एमओयू की फाइलों को भी निकलवाने के निर्देश दिए हैं। उद्योग विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस समिट में हुए 1 लाख करोड़ के करारों में अब से तक कोई प्रोग्रेस नहीं हुई है।