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विश्वास मत पर राज्यपाल की दी समय सीमा खत्म, कुमारस्वामी ने कहा- पहले चर्चा, बाद में फ्लोर टेस्ट

बेंगलुरु। कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे तक बहुमत साबित करने के लिए कहा था। अब यह समय सीमा खत्म हो चुकी है। विधानसभा 3 बजे तक स्थगित कर दी गई। इससे पहले स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि जब तक चर्चा पूरी नहीं हो जाती, आप (भाजपा) विश्वास मत के लिए नहीं कह सकते। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, इसलिए उनका आदेश मानना है या नहीं, ये फैसला कुमारस्वामी का है।

चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा, ''पहले राज्य में जारी राजनीतिक संकट पर चर्चा होगी। बाद में फ्लोर टेस्ट होगा।'' उन्होंने कहा, ''राज्य में जब से कांग्रेस-जेडीएस सरकार बनी, इसे गिराने के लिए माहौल बनाया जा रहा है। मुझे पहले दिन से पता था कि सत्ता ज्यादा नहीं चलेगी, देखता हूं भाजपा कितने दिन सरकार चला पाएगी?''
कुमारस्वामी ने कहा- मुद्दे पर बहस होने दीजिए। आप (भाजपा) अभी भी सरकार बना सकते हैं। कोई जल्दी नहीं है। आप सोमवार या मंगलवार को भी सरकार बना सकते हैं। मैं अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल नहीं करूंगा।
इससे पहले भाजपा नेता येदियुरप्पा ने दावा किया है कि ये गठबंधन सरकार का आखिरी दिन होगा। उन्होंने तंज कसा कि कुमारस्वामी सदन में आज अपनी फेयरवेल स्पीच देंगे और वे इसे धैर्यपूर्वक सुनेंगे। येदियुरप्पा ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत के बाद भाजपा आगे की रणनीति तय करेगी।
मुझ पर आरोप लगाने वालों को गिरेबां में झांकना चाहिए: स्पीकर
स्पीकर रमेश कुमार ने भाजपा द्वारा उनपर विश्वास मत में जानबूझ कर देरी करने के आरोपों को नकार दिया। कुमार ने कहा कि वे देरी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग उनके चरित्र पर उंगली उठा रहे हैं, उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।
स्पीकर विश्वास मत टालना चाहते हैं- येदियुरप्पा
गुरुवार को विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पर करीब साढ़े सात घंटे बहस हुई। इसके बाद स्पीकर रमेश कुमार ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी थी। इसके बाद बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि स्पीकर विश्वास मत को टालना चाहते हैं। विधायकों ने इस संबंध में राज्यपाल वजूभाई वाला को ज्ञापन भी सौंपा। कार्यवाही स्थगित होने के बाद भाजपा विधायकों ने रातभर सदन में ही धरना दिया।
इस दौरान वे डिनर और चर्चा करने के बाद सदन में जमीन पर सोए। उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जी परमेश्वरा ने भाजपा विधायकों के साथ नाश्ता किया। उन्होंने कहा कि सरकार में रहते हुए धरने पर बैठे विधायकों के लिए खाने और नाश्ते का इंतजाम करना हमारा कर्तव्य है। कुछ साथियों को डायबिटीज है। भाजपा नेता भी हमारे अच्छे दोस्त हैं। यहीं लोकतंत्र की सुंदरता है।
बागी विधायक मुंबई से नहीं लौटे
पहले दिन कुमारस्वामी को विश्वास मत साबित करना था। सत्ता पक्ष के भाषणों के दौरान भाजपा विधायकों ने सवाल उठाया कि इतने लंबे-लंबे भाषण किसलिए दिए जा रहे हैं। इस तरह के भाषण तो चुनावी रैलियों में दिए जाते हैं। भाजपा का आरोप था कि राज्यपाल खुद विश्वास मत को टालना चाहते हैं। वे अल्पमत की सरकार चलते रहने देना चाहते हैं। बहस के दौरान सदन से अनुपस्थित कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल का मुद्दा उठा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमारे विधायक को अगवा कर लिया।
5 विधायक सदन से गैर-हाजिर रहे
विश्वास मत के दौरान सदन से 5 विधायक गैर-हाजिर रहे। इनमें 2 कांग्रेस, 1 बसपा और और 2 निर्दलीय विधायक थे। 15 गैर-हाजिर, 15 बागी विधायकों के अलावा स्पीकर को हटाकर सदन की संख्या 203 हो गई। इस स्थिति में बहुमत साबित करने का आंकड़ा 102 हो गया। लेकिन, कांग्रेस-जेडीएस के पास 116 के मुकाबले विधायकों का आंकड़ा 98 रह गया था, जबकि भाजपा के पास 105।
कांग्रेस विधायक की अनुपस्थिति पर हंगामा
कांग्रेस ने अपने विधायक श्रीमंत पाटिल की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया। दरअसल, पाटिल ने अस्वस्थ होने और इलाज के लिए मुंबई जाने से संबंधित पत्र स्पीकर को सौंपा था। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने कहा- जिस रिजॉर्ट में हमने अपने विधायकों को ठहराया, वहां पास ही अस्पताल है। ऐसे में मुंबई क्यों गए? कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमारे एक विधायक को अगवा कर लिया। इसके कुछ ही देर बाद पाटिल की मुंबई के एक अस्पताल में इलाज कराते हुए तस्वीरें सामने आईं।

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