नई दिल्ली। सालाना 2 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों को जीएसटी रिटर्न भरने से छूट मिल सकती है। जीएसटी काउसिंल 20 सितंबर की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। न्यूज एजेंसी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इसके मुताबिक वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सालाना रिटर्न भरने की तारीख तीन बार बढ़ाने के बावजूद रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या सिर्फ 25% से 27% रही। माना जा रहा है कि पहली बार जीएसटी रिटर्न भरने में कारोबारियों को दिक्कतें हो रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी काउंसिल यह फैसला लेगी कि रिटर्न फाइलिंग की अनिवार्यता सिर्फ 2017-18 के लिए खत्म की जाए या आने वाले सालों के लिए भी ऐसा किया जाए। यह मत भी है कि सरकार 30 नवंबर तक देखेगी कि रिटर्न फाइलिंग में बढ़ोतरी होती या नहीं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड 1.39 करोड़ कारोबारों में से 85% ऐसे हैं जो 2 करोड़ रुपए या इससे कम टर्नओवर वाले हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि रिटर्न भरने की अनिवार्यता खत्म होती है तो छोटे कारोबारियों को आसानी होगी। इससे टैक्स अधिकारी बड़े कारोबारियों पर ध्यान दे पाएंगे। 2017 में जीएसटी लागू हुआ था। 2017-18 का रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2018 थी। इसे तीन बार बढ़ाया जा चुका है। अब 30 नवंबर की डेडलाइन है। 2018-19 का रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है।