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बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिल रही, क्या खुदकुशी कर लूं: गिरिराज; राज्य के मंत्री बोले- किसने रोका


पटना। बिहार में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री न मिलने के मामले पर भाजपा और जदयू के नेता आमने-सामने आ गए हैं। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के आत्महत्या तक कर लेने की बात कही। इस पर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को कहा कि गिरिराज सिंह हकीकत को देखकर बयान दिया करें। बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने का काम जारी है। इसके बाद भी अगर वे आत्महत्या करना चाहते हैं तो रोका किसने है? उन्होंने कहा कि गिरिराज को आत्महत्या करने वाला बयान नहीं देना चाहिए।

दरअसल, गिरिराज सिंह ने रविवार को बेगूसराय में बिहार सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा था, "बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिल रही है। हम जनप्रतिनिधि हैं। ऐसे में हमारे पास दो ही रास्ते हैं, या तो आत्महत्या कर लें या कुछ न बोलें?"  राज्य में इस साल करीब 30 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में आए। पटना, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर,  पूर्वी चंपारण, अररिया, सुपौल, किशनगंज और शिवहर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। बाढ़ कोसी, गंगा और गंडक नदी में पानी का जलस्तर बढ़ने की वजह आई। 
श्रवण बोले- सीएम ने कह रखा है कि खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का
श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार में बाढ़ और सूखा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह से जनता के साथ खड़े हैं। मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया है कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। उधर, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री का ऐसा अशोभनीय बयान फूहड़ राजनीति का परिचायक है। गिरिराज को ऐसे शर्मनाक बयान देने की बजाए अपने मंत्रालय पर ध्यान देना चाहिए। शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने गिरिराज पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को चर्चा में रहने के लिए बयान देने की आदत होती है।

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