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आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के मामले की सुनवाई कल, विशेष बेंच गठित; छात्रों ने दखल की मांग की थी


मुंबई/नई दिल्ली। मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने के लिए लॉ स्टूडेंट्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने सीजेआई को एक पत्र लिखा। एक छात्र ने बताया कि पत्र में सीजेआई से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की गई है। उन्हें बताया गया कि आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई कर मुंबई के फेफड़ों की हत्या की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। सोमवार को विशेष बेंच में इस मामले की सुनवाई की जाएगी। 
छात्रों ने लिखा- मुंबई के फेफड़ों की हत्या हो रही
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे रिशव रंजन रिशव ने बताया कि पत्र में सीजेआई को लिखा गया- मुंबई के फेफड़ों की हत्या हो रही है। आरे कॉलोनी में इनकी कटाई रुकवाइए। जब हम आपको यह पत्र लिख रहे हैं, तब मुंबई प्राधिकरण मीठी नदी के किनारे स्थित आरे फॉरेस्ट के पेड़ों को काट रहे हैं। खबरों के अनुसार अभी तक 1,500 पेड़ों को काटा जा चुका है। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन(एमएमआरसी) और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ ग्रेटर मुंबई(एमसीजीएम) की गतिविधियों पर नजर रख रहे हमारे साथियों को जेल भेज दिया गया है। वे अपने माता-पिता से भी बात नहीं कर पा रहे हैं।’

रिशव ने कहा- हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट तत्काल पेड़ों की कटाई पर रोक लगाए जिससे 2700 पेड़ों में से कम से कम कुछ पेड़ों को बचाया जा सके। कार शेड आरे कॉलोनी में 33 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है। यह मीठी नदी के किनारे स्थित है, जिसकी कई उपधाराएं और नहरें हैं। ये नहीं रहेंगे तो मुंबई में बाढ़ आ सकती है। इसमें 3,500 पेड़ हैं जिनमें से 2,238 पेड़ों को काटने का प्रस्ताव रखा गया है। सवाल यह है कि एक ऐसा जंगल जो नदी किनारे है और जिसमें 3,500 पेड़ हैं, उसे एक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग के लिए क्यों चुना गया।’
अदालत ने 29 लोगों को सशर्त जमानत दी
पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाले 29 प्रदर्शनकारियों को हॉलीडे कोर्ट ने जमानत दे दी है। लेकिन, अदालत ने शर्त रखी है कि ये लोग अब किसी प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे। इन प्रदर्शनकारियों को पिछले दो दिन के भीतर गिरफ्तार किया गया था। इन पर पुलिस से झड़प और उन्हें रोकने का आरोप है। शनिवार देर रात विरोध कर रहे 38 लोगों को हिरासत में लिया गया था। शनिवार को मुंबई हाईकोर्ट ने इस मामले की तत्काल सुनवाई करने से इंकार कर दिया था और प्रदर्शनकारियों को बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पास जाने के लिए कहा था।
किरीट सोमैया ने किया फडणवीस का बचाव
इसी क्रम में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आलोचना करने पर कहा कि वह सिर्फ कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं। सोमैया ने कहा हम कोर्ट के आदेश को स्वीकार करते हैं और इसका सम्मान करते हैं। यह दु:खद है कि कुछ लोग मुख्यमंत्री फडणवीस की तुलना जनरल डायर से कर रहे हैं। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। अगर जरूरत होगी तो हम चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेंगे। मेट्रो परियोजना में हम देर नहीं करना चाहते क्योंकि इससे मुंबई पर बोझ ब

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