इंदौर। लोकायुक्त पुलिस ने सिमरोल थाने में खड़े रेत से भरे ट्रक को छोड़ने के एवज में 13 हजार रुपए की रिश्वत लेते आरक्षक और नगर सैनिक को रंगेहाथ पकड़ा। थाना प्रभारी के कहने पर दोनों ट्रक मालिक से 15 हजार रुपए मांग रहे थे, लिहाजा लोकायुक्त ने थाना प्रभारी राकेशकुमार नयन को भी आरोपी बनाया है। आरक्षक विजेंद्र धाकड़ को जब पकड़ा तो वह थाने में ही जोर-जोर से रोने लगा। टीम के हाथ जोड़कर बोला- गलती हो गई।
कभी रिश्वत नहीं लूंगा, छोड़ दो, केस मत बनाओ। नगर सैनिक का भी कमोबेश यही हाल था। मामले में ट्रक मालिक मनोज शर्मा ने रिश्वत मांगने की शिकायत लोकायुक्त एसपी सव्यसाची सराफ को की थी। उन्होंने डीएसपी एसएस यादव के नेतृत्व में टीम बनाई। मंगलवार को शर्मा ने आरक्षक विजेंद्र धाकड़ को मोबाइल लगाकर बात की। शर्मा ने राशि कुछ कम करने को कहा तो धाकड़ ने जवाब दिया कि 13 हजार कर दो, इससे कम नहीं होंगे। उसने थाना परिसर में ही पैसे लेकर आने को कहा। शाम को शर्मा से जैसे ही धाकड़ और नगर सैनिक दीपक पटेल ने रिश्वत हाथ में ली, लोकायुक्त पुलिस की टीम उनके सामने जाकर खड़ी हो गई। धाकड़ ने टीम से बहस भी की। उनसे कहा कि मैं स्टॉफ से ही हूं। आप कार्रवाई नहीं कर सकते। वह बहाने भी बनाने लगा। इसी बीच थाने का पूरा स्टॉफ परिसर में जमा हो गया। डीएसपी यादव ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई कर दी।