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सरयू आरती में उत्सव जैसा माहौल, हिंदुओं ने कहा- मस्जिद बनाने के लिए हम भी चंदा देंगे


अयोध्या।  134 साल पुराने अयोध्या केस पर फैसले के दूसरे दिन रविवार शाम सरयू आरती में उत्सव जैसा माहौल नजर आया। आम दिनों से अधिक भीड़ आरती में पहुंची। घाटों के पास चाय की दुकानों पर फैसले की चर्चा हो रही थी। राममंदिर निर्माण के लिए तो हिंदुओं में उत्साह था ही, उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिद निर्माण के लिए भी हम चंदा देंगे। लोगों ने कहा कि अब अयोध्या राजनीति से दूर होगी और यहां विकास होगा।

शाम के 5.30 बज रहे थे और सरयू आरती का समय हो रहा था। घाट के पास ही चाय की दुकान पर कुछ लोग फैसले पर चर्चा कर रहे थे। जितेंद्र पांडेय ने कहा- इससे बढ़िया फैसला कुछ नहीं हो सकता है। अब हमें अपना फर्ज निभाना है। मैं मस्जिद की तामीर के लिए चंदा दूंगा। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के जिला संयोजक कासिफ शेख ने ऐलान किया- मंदिर निर्माण के लिए 1.51 लाख रु. चंदा दूंगा। फैसला के बाद अब क्या सोचते हैं? इस सवाल पर लोगों ने कहा- अयोध्या अब राजनीति से अब दूर हो गई है। अब यहां विकास होगा और अयोध्या वासियों के लिए बहुत ही सुखद दिन आ गए हैं। 

रविवार शाम सरयू आरती में सामान्य दिन से ज्यादा भीड़ दिखाई पड़ी। विकल्प त्रिपाठी ने कहा- मुझे उत्सुकता थी कि शाम को सरयू की आरती कैसे होगी? उसकी भव्यता क्या होगी? क्या-क्या तैयारियां होंगी? मैं अवध विश्वविद्यालय का एमटीए (मास्टर ऑफ टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन) का छात्र हूं। मेरे साथ साथी भी आए आरती देखने आए थे। 
सरयू की आरती तैयारी की अहम जिम्मेदारी निभाने वाले आंज्नेय सेवा समिति के अध्यक्ष महंत शशिकांत का कहना था- सुबह से ही लोग आरती के समय की जानकारी हमसे पूछ रहे थे कि शाम की आरती तय समय पर होगी या कुछ समय बदला है? भीड़ सामान्य दिनों से ज्यादा थी, ऐसे तो मेला और अन्य उत्सव में देखने को मिलता था। 

सरयू आरती देखने आए लोग खूब सेल्फी लेते दिखे। आरती का संचालन करने वाले श्याम सुंदर कहते हैं कि, आरती की तैयारी सुबह से ही होती है। कुछ वीआईपी लोग भी रहते हैं, जिनको हम लोग आरती करने का मौका देते हैं। इस दौरान लोगों ने जय सरयू मैया और जय श्रीराम के नारे लगाए।

महंत शशिकांत ने कहा- हमारे द्वारा सरयू आरती की शुरुआत तो 2013 से की गई, लेकिन जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी और पहली बार सीएम योगी आदित्यनाथ सरयू आरती में आए तब हमने इसे और भव्य बनाने की मांग की। तब जून 2017 इसको सरकार से अनुदान पर करने का तुरंत आदेश दिया गया। यहां आरती वाराणसी में होने वाली मां गंगा की आरती जैसे ही होती है।

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