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उम्र के भंवर में फंसी पेंशन, कुंडली से 62 लेकिन आधारकार्ड बता रहे 52 साल


अशोकनगर। जिले के खिरकाटांका ग्राम के वृद्ध भले ही 60 वर्ष उम्र पार कर चुके हैं, लेकिन आधार कार्ड और वोटर कार्ड उनकी उम्र अभी भी 50 और 52 वर्ष ही बता रहे हैं। यह कहना है उस गांव के वृद्धों का, जो अपनी वास्तविक उम्र का प्रमाण पाने मेडीकल जांच कराने शुक्रवार को जिला अस्पताल पहुंचे।

सरपंच पति जगदीश यादव आधा दर्जन वृद्धों को साथ लेकर जिला अस्पताल आए और बताया कि पंचायत में अधिकतर लोग आदिवासी हैं, अनपढ़ होने की वजह से आधार कार्ड बनते समय कर्मचारियों ने उनकी उम्र अंदाज से लिख दी। उम्र दर्ज करने में बरती गई मनमानी का अब ग्रामीण खामियाजा भुगत रहे हैं।

हालत यह है कि न तो कुछ लोगों के सिर में बाल बचे और न हीं मुंह मे दांत, लेकिन आधारकार्ड मुताबिक उनकी उम्र 50 व 52 साल ही है। नतीजतन वृद्ध होने के बावजूद भी उन्हें वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल पा रही है और वह ग्राम पंचायत के चक्कर काट रहे हैं। रामदयालसिंह ने बताया कि बचपन में बनी कुंडली के हिसाब से उनकी उम्र 62 वर्ष हो रही है, लेकिन आधार कार्ड के हिसाब से 52 वर्ष है।

इससे वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल पा रही है और वह दर-दर भटक रहे हैं। ऐसे ही मुलायमसिंह की उम्र 60 वर्ष है, लेकिन रिकॉर्ड में उम्र 52 वर्ष दर्ज है। कन्हैयालाल, भरोसी दादा, रतन भाई, कल्लू आदिवासी आदि की उम्र भी इसी तरह आधार कार्ड में कम दर्ज है जिसकी वजह से उन्हें वृद्धा पेंशन नहीं मिल पा रही है।
सही उम्र का प्रमाण पाने मेडिकल जांच की उम्मीद-
ग्रामीणों का कहना है कि वह कभी स्कूल नहीं गए, निरक्षर हैं और उनके पास ऐंसा कोई प्रमाण नहीं है जिसे वह बता सकें। आधारकार्ड में उम्र 8 से 10 साल कम दर्ज है, जिसके हिसाब से 60 वर्ष की उम्र नहीं हुई। वृद्धावस्था पेंशन की मांग करने पर ग्राम पंचायत में इन आधा दर्जन वृद्धों को जिला अस्पताल भेजा।

ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें अब मेडीकल जाँच से उम्र का सही प्रमाण मिलने की उम्मीद है। लेकिन अस्पताल ने भी सभी की उम्र की जांच न हो पाने की बात कहकर वापस लौटा दिया, इससे ग्रामीण अपनी उम्र का प्रमाण न मिल पाने से परेशान हैं।

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