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6 साल की बच्ची से दुष्कर्म-हत्या के तीनों दोषियों को फांसी की सजा, घटना के 28 दिन बाद कोर्ट ने फैसला दिया


दुमका। जिले के रामगढ़ प्रखंड में 6 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और फिर उसकी हत्या के मामले में पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत ने तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। सोमवार को अदालत में रात 9 बजे तक सुनवाई हुई। पिछले 4 दिनों से सुनवाई हो रही थी। इस मामले में 16 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। झारखंड में पहली बार ऐसा हुआ है, जब इस तरह के मामले में कोर्ट ने महज 28 दिनों में सजा सुनाई हो।
रिश्ते के चाचा ने दोस्तों के साथ वारदात की थी
बच्ची 5 फरवरी को सरस्वती पूजा के मौके पर लगने वाला मेला देखने के लिए ननिहाल आई थी। शाम को उसका रिश्ते का चाचा मिट्ठू राय उसे मेला दिखाने के बहाने ले गया। लौटने के क्रम में तीनों दोषियों ने गांव से बाहर बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। अप्राकृतिक यौनाचार किया। बच्ची घर में जाकर परिजनों को न बता दें, इसलिए गला दबाकर हत्या कर दी। फिर तीनों ने बच्ची का शव झाड़ियों के बीच दफना दिया और घर जाकर सो गए। 7 फरवरी को पुलिस ने बच्ची का शव बरामद किया था।  
वारदात के बाद चाचा भी खाेजबीन में जुट गया था
वारदात के बाद किसी को भी मुख्य दोषी मिट्ठू पर शक इसलिए नहीं हुआ कि वह वारदात के बाद घर लौट आया और परिजन के साथ बच्ची की तलाश भी की। खोजबीन के दौरान रामगढ़ थाना क्षेत्र के मोहबाना गांव के चौराहे पर बच्ची की चप्पल मिली, जिसके थोड़ी दूरी पर झाड़ियों में बच्ची का शव बरामद किया गया। उधर, जब मुख्य दोषी मिट्ठू को पता चला कि पुलिस को उस पर शक हुआ है तो वह मुंबई भाग गया। 8 फरवरी को ठाणे पुलिस ने उसे कल्याण स्टेशन से धर दबोचा। मुख्य दोषी की निशानदेही पर बाकी 2 आरोपी पंकज राय और अशोक राय को पोड़ैयाहाट से गिरफ्तार किया गया था। 

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