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आयुर्वेदिक उपाय : जुकाम-बुखार में रामबाण है गिलोय, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ और भी हैं फायदे


नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरे के साथ ही आजकल मौसम के बदलाव के कारण कई सीजनल बीमारियों देखने को मिल रही हैं। इनमें जुकाम बुखार आम है। किसी को आम बीमारी जैसे सर्दी या बुखार के लक्षण हैं तो उसे घबराने की जरूरत नहीं हैं। क्योंकि आयुर्वेद में एक ऐसी औषधि के प्रयोग का जिक्र है जो बुखार जैसी वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों के लिए रामबाण का काम करती है। इसके साथ ही यह औषधि कहीं भी आसानी से मिल भी जाती है। तो आइए जानते हैं अमृत के समान इस औषधि के बारे में-

अमृतबल्ली, गुरुचि, गुरुजि, गिलोय आदि नामों पुकारी जाने वाली आयुर्वेदिक औषधि वैक्टीरिया और वायरस से जनित कई बीमारियों को जड़ से खत्म की क्षमता रखती है। हाल में कोरोना वायरस को ठीक करने में पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक और योग गुरु स्वामी रामदेव ने जिस दवा का नाम लिया है वह है गिलोय। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से गिलोय का काढ़ा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर बीमारियों से लड़ने की ताकत प्रदान करता है। गिलोय का इस्तेमाल सैकड़ों सालों से बुखार को ठीक करने के लिए किया जाता है। गिलोय का काढ़ा कई दिन तक लगातार सेवन करने से पुराने से  पुराने ज्वर में राहत  मिलती है।
कैसे बनाएं गिलोय का काढ़ा ?
सामग्री:  गिलोय के करीब एक फुट लंबे तने को छोटे-छोटे टुकड़ों में कटा हुआ। इसके साथ नीम के पत्तियों के 5-7 डंठल, 8-10 तुलसी की पत्तियां और करीब 20 ग्राम काला गुड़।
काढ़ा बनाने की विधि : गिलोय के टुकड़ों कुचलकर एक बर्तन में डालें। इसके साथ ही अन्य सामग्री को बर्तन में डाले और उसमें 4 कप पानी डालें। इसके बाद इसी मध्यम आंच में पकाएं। इसे उतनी देर तक पकाना है जब तक कि चार कप पानी की तीन हिस्सा जल जाए। यानी एक कप पानी ही रह जाए। अब इसे छानकर गुनगुना की मरीज को पिलाएं।

माना जाता है गिलोय का काढ़ा सामान्य बुखार को तीन दिनों के भीतर ही ठीक कर देता है। इसके अलावा बुखार यदि पुराना हो तो विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार इसका ज्यादा और ज्यादा दिन तक किया जा सकता है।
कोराना से लड़ने में कर सकता है मदद-अभी तक कोरोना वायरस से मौतों के जो आकंड़े में आए हैं उनमें से वे लोग ज्यादा कोरोना का शिकार हुए हैं जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है जैसे-बुजुर्ग और बच्चे। कोरोना को यदि प्रतिरोधक क्षमता से जोड़कर देखा जाए तो गिलोय का काढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। ऐसे में इसका सेवन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उपयोगी साबित हो सकता है। हालांकि गिलोय का काढ़ा कोरोना के मरीज को फायदेमंद है या नहीं इस बात की कोई प्रमाणिकता नहीं है।
गिलोय के सेवन के अन्य प्रमुख फायदे:
खून साफ कर त्वचा में निखार लाता है गिलोय
यह एंटीऑक्सिडेंट का पावर हाउस है, जो झुर्रियों से लड़ने और कोशिकाओं को स्वस्थ और निरोग रखने में अहम भूमिका निभाती है। गिलोय टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकालने, खून को साफ करने, बीमारियों से लड़ने वाले बैक्टीरिया की रक्षा करने के साथ-साथ मूत्रमार्ग के संक्रमण से भी बचाव करती है।
पाचनतंत्र मजबूत करे-
पाचन में सुधार और आंत्र संबंधी समस्याओं के इलाज में गिलोय बहुत फायदेमंद है। रोजाना आधा ग्राम गिलोय के साथ आंवला पाउडर लेने से काफी लाभ होता है। कब्ज के इलाज के लिए इसे गुड़ के साथ लेना चाहिए।
 डायबिटीज में लाभकारी-
गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में कार्य करती है और विशेष रूप से टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में मददगार है। गिलोय का रस रक्त शर्करा के उच्च स्तर को कम करने का काम 
करता है।

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