उपचुनाव के बीच अचानक पहुंचे वाहनों के काफिले से हैरान हुए ग्रामीण कृषि मंत्री को अपने बीच पाकर उत्साहित हुए
खंडवा। जिले के पामाखेड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत सुदूर वनांचल में स्थित आदिवासी गांव सिरकिया, वाहनों के अचानक पहुंचे काफिले से हैरत में था। लगभग 600 के आसपास की आबादी वाले इस गांव में वैसे तो अनेक चुनाव हो चुके लेकिन ऐसी हलचल कभी नहीं थी। गत दिवस इस गांव में कृषि मंत्री कमल पटेल अचानक पहुंचे तो पूरा गांव उमड़ पड़ा। आजादी के बाद सुदूर आदिवासी अंचल के इस गांव में पहुंचने वाले वह पहले मंत्री हैं।
एक कहावत है कि "जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि" किसान नेता एवं मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसी कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। प्राकृतिक आपदा के बाद उपचुनाव की सरगर्मी में कमल पटेल छोटे से छोटे गांव में पहुंच रहे हैं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं , मांधाता विधानसभा में भी कांग्रेस विधायक के त्यागपत्र के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। वैसे तो इस विधानसभा में विश्व प्रसिद्ध ओंकारेश्वर -ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग है वहीं प्रसिद्ध जयंती माता मंदिर भी है। आध्यात्मिक माहौल के साथ अभी यहां राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। राजनीतिक गहमागहमी के बीच मांधाता विधानसभा में जहां मां नर्मदा का पुनासा बांध है वहीं पूरा क्षेत्र ग्रामीण अंचलों को अपने में समेटे हुए है। क्षेत्र में पामाखेड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत सुदूर वनांचल में आदिवासी गांव है सिरकिया। इस गांव की आबादी लगभग 600 के आसपास है, घने जंगल के बीच बसे इस गांव में आजादी के बाद से कोई भी सरकार का कबीना मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं पहुंचा था लेकिन किसान नेता और मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल बीते रविवार को अपने काफिले के साथ इस गांव में पहुंचे । बात कुछ चुनाव की थी लेकिन गांव में निवास करने वाली आदिवासी भाई-बहनों के चेहरे पर मुस्कान थी वह देखने काबिल थी ।गांव में कमल पहुंचे और गांव "कमलमय" ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता पहुंचने के पश्चात पूरा आदिवासी गांव "कमलमय" हो गया। गांव के अधिकांश आदिवासी बंधुओं ने कमल के साथ (कमल भाजपा) का दामन थाम लिया। इस विधानसभा सीट से नारायण पटेल भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी हैं।