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जनजातीय वर्ग के समग्र कल्याण और सम्मान के प्रयासों के परिणाम अब सामने – मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातीय वर्ग के समग्र कल्याण के लिए मध्यप्रदेश सरकार निरंतर प्रयासरत है। जनजातीय कल्याण के कार्य अभियान के रूप में किए जा रहे हैं। इसके अच्छे परिणाम भी मिलने लगे हैं। जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा और कैरियर निर्माण के लिए पूरी सहायता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आकांक्षा योजना में जेईईई, नीट और क्लेट की परीक्षाओं के साथ एनडीए की परीक्षा की तैयारी की व्यवस्था करने पर भी विचार करेंगे। जेईईई और नीट में जनजातीय वर्ग के 740 विद्यार्थियों के चयन में सफलता भी प्राप्त हुई है। इसके अलावा कला-संवर्धन के लिए कलाकारों की कार्यशाला करवाकर प्रतिभाओं को अवसर दिया जाएगा। जनजातीय वर्ग के कलाकारों की कलाकृतियों के लिए जी.आई. टैगिंग के प्रयास भी किए जा रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने जनजातीय समुदाय के हित में बेहतर सेवा कार्य करने वालों को रानी दुर्गावती सम्मान, ठक्कर बापा सम्मान, वीर शंकर शाह रघुनाथ शाह सम्मान, बादल भोई सम्मान, जननायक टंट्या भील सम्मान और जन गण श्याम सम्मान देने की व्यवस्था की है। जनजातीय कला और संस्कृति के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए प्रतिवर्ष राजा संग्राम शाह पुरस्कार भी घोषित किया गया है। बैठक में जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, वन मंत्री श्री विजय शाह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस तथा परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

केन्द्र सरकार से जनजातीय ग्रामों के एकीकृत विकास के लिए नई योजना स्वीकृत हुई है, जिसमें अधो-संरचना, सामाजिक-आर्थिक सूचकांकों में सुधार, जनजातीय वर्ग के कल्याण और जन-प्रतिनिधियों के क्षमता विकास के कार्य होंगे। मध्यप्रदेश में इस योजना को केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के अभिसरण (कन्वर्जेंस) के माध्यम से लागू किया जाएगा। योजना में ऐसे ग्राम, जिनकी कम से कम 50 प्रतिशत जनसंख्या जनजातीय वर्ग की है और ऐसी जनसंख्या कम से कम 500 है, का चयन कर विभिन्न कार्य किए जाएँगे। कुल 7307 ग्रामों का चयन किया गया है। इसमें केन्द्र से शत-प्रतिशत अनुदान सहायता मिलेगी। प्रथम चरण में 1204 ग्रामों में कार्य होंगे। इन ग्रामों में से प्रदेश में श्रेष्ठ कार्यों के लिए तीन ग्राम चयनित कर 5-5 लाख रूपए के पुरस्कार भी दिए जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर पर भी सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए तीन ग्रामों का चयन होगा, जिन्हें 10-10 लाख रूपए के पुरस्कार दिए जाएँगे।

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