बिजली कम्पनी की मनमानी से परेशान किसान, सरकार के विरोध मे लगाये जमकर नारे
कसरावद। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं म0प्र. भारत कृषक समाज भोपाल के अध्यक्ष अरूण यादव के आव्हान पर आज शुक्रवार को भारत कृषक समाज ब्लाक कसरावद ने केंद्र और म0प्र0 की भाजपा सरकार की किसान और जनविरोधी नीतियों को लेकर ज्ञापन सौंपा। राजेंद्रसिंह यादव पूर्व परिषद अध्यक्ष ने ज्ञापन का वाचन कर नायब तहसीलदार श्री जाट को सौंपते हुए महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि किसानों की इन गंभीर समस्याओं को निराकृत कराया जाए। ताकि किसानों को आ रही परेशानियों से निजात मिल सके। राजेंद्रसिंह ने बताया कि वर्तमान में सिंचाई के लिए बिजली कंपनियों द्वारा बनाया गया शेड्यूल किसानों के लिए मुसीबत बना हुआ है। इस शेड्यूल को तत्काल बदलने जैसे कई किसानों की समस्याओं को ज्ञापन में लिखा गया है। भारत कृषक समाज कसरावद इकाई ने अपने ज्ञापन में मांग की है कि-
किसानों को सिंचाई के लिए दी जा रही बिजली का समय परिर्वतन किया जाए
माननीय महामहिम हम किसान आपको यह भी अवगत कराना चाहते हैं कि मध्यप्रदेश की गूंगी-बहरी भाजपा सरकार आंख बंद कर किसानों के निर्णय ले रही है। खरगोन जिले में सिंचाई हेतु किसानों को दी जाने वाली बिजली का समय रात का रखा गया है। किसानों को न दिन में काम न रात में नींद। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के नए शेड्यूल ने किसानों की और समस्या को बढ़ा दिया है। किसानों को दस घंटे बिजली दी जा रही है। हाल ही में बिजली कंपनी ने सप्लाय का नया शेड्यूल जारी किया है। जिससे े जिले के किसान आक्रोशित हैं। किसानों को न दिन में चैन और न रात में आराम जैसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया गया है। नए शेड्यूल के मुताबिक सुबह 4.15 से 8.15 बजे तक और शाम को 4.15 से 10.15 बजे तक जारी किया गया है। वर्तमान मे कडाके की ठंड के चलते किसान इस नए शेड्यूल मे न तो दिन मे काम कर पाता है न ही रात में उसे आराम मिलता है। हमारी मांग है कि पूर्व में जारी की गई समय सारिणी अनुसार ही प्रातः 6 बजे से 12 बजे तक एवं शाम को 4 बजे से 8 बजे तक बिजली दी जाए। किसानों के बिजली बिल माफ किए जाएं
मुख्यमंत्री श्री षिवराजसिंह चौहान का रंग बदलने लगा। श्री षिवराजसिंह किसानों के षोषण, लूट और उन पर अत्याचार पर उतारू हो गए हैं। बिजली कंपनियों से सांठगांठ कर कंपनियों को गलत ढंग से लाभ पहुंचाने के लिए बिजली कंपनियों को किसानों से खुली लूट मचाने की छूट दे दी है। बिजली कंपनियां बिजली दरों में इजाफा करती आ रही है। किसान बिजली बिलों का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। एक तरफ किसानों की बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिलने से किसान बिजली का बिल भरने में सक्षम नहीं है। वहीं दूसरी ओर बिजली कंपनियांे द्वारा किसानों को भारी भरकम राशि के बिल दिए जा रहे हैं। हमारी मांग है कि किसानों के बिजली बिल माफ किए जाएं। साथ ही बिजली की दरें घटाई जाएं।
बर्बाद हुई फसलों का शत-प्रतिशत मुआवजा दें
म0प्र0 के किसानों की फसलें प्राकृतिक आपदाओं के कारण पिछले तीन वर्षो से बर्बाद हो रही है। कभी अल्पवर्षा,अतिवर्षा तो कभी असमय हवा आंधी केसथ वर्षा के कारण फसलें चौपट हो रही हैं। इस वर्ष भी खरगोन जिले के साथ ही विकासखंड में भी अल्पवर्षा के कारण जहां किसानों को दोराबा बोवनी करना पड़ी थी, जिसके कारण किसान पहले ही आर्थिक बोझ में दबा हुआ था। वहीं वर्तमान में बेमौसम बारिश के कारण कपास, सोयाबीन, मक्का और सब्जियों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। इन बर्बाद हुई फसलों का आज तक शासन द्वारा न तो सर्वे कराया गया न ही मुआवजा दिया गया है। जहां किसान विगत तीन वर्षों से कोरोना के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है, वहीं इस वर्ष भी अल्पवर्षा, अतिवर्षा और पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से परेशान होकर कर्ज के बोझ में दबता चला जा रहा है। महामहिम जी को हम किसान यह भी अवगत कराते हैं कि वर्तमान में किसान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान के सामने परिवार का पालन-पोषण करना कठिन हो गया है। किसानों के साथ भारत कृषक समाज की मांग है कि किसानों की बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कराकर किसानों को बर्बाद हुई फसलों का शत-प्रतिशत तत्काल मुआवजा प्रदान किया जाए।
डीजल पेट्रोल के दामों को किया जाए नियंत्रित
मध्यप्रदेष में दिनों में पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार भाजपा सरकारों द्वारा वृद्धि की जा रही है। जिससे किसानों की खेती-किसानी की लागत दोगुनी हो चुकी है। वर्तमान में पेट्रोल 108 रूपए और डीजल केे दाम 93 रूपए प्रति लीटर की बढोतरी की गई जिससे किसानो और आम जनता पर भारी आर्थिक बोझ पडा है। बढौतरी ऐसे समय में की गई है जब प्रदेष की जनता केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से मदद की उम्मीद लगाए रखी है। भारत कृषक समाज इस प्रकार पेट्रोल और डीजल में की गई मूल्य वृद्धि की घोर निंदा करती है। हमारी मांग है कि डीजल और पेट्रोल के दाम नियंत्रित करे सरकार।
खाद की आपूर्ति सहकारी समितियों के माध्यम से कराई जाए
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पूंजीपतियों की हिमायती सरकार है। इस सरकार के राज में किसानों को यूरिया और डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। क्यांेकि भाजपा की सरकार के संरक्षण में व्यापारियों द्वारा खाद की कालाबाजारी कर किसानों को अधिक दाम में खाद बेचा जा रहा है। भाजपा सरकार द्वारा प्रदेष के पंूजीपतियों को लाभ पहंुचाने के लिए इस कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार द्वारा आज तक एक भी कार्यवाही नहीं की गई है। म0प्र0 में सभी दूर युरिया और डीएपी खाद का संकट बरकरार है। खरगोन जिले के कसरावद तहसील में भी यही स्थिति बनी हुई है। जिला प्रषासन द्वारा खाद की जो मांग की गयी थी उसके विरूद्व आपूर्ति नहीं की गई है। इस वजह से जिले के साथ ही समस्त विकासखण्ड में किसान भी खाद का संकट झेल रहे हैं। वर्तमान में जिले के एक बड़े रकबे में गेहूंूं और चने की बुआई होने वाली है और इन फसलों के लिए समय पर खाद नहीं मिला तो किसानों की चिंता बढ़ जाएगी। खाद के अभाव में उत्पादन प्रभावित होने से किसान कर्ज के दलदल में और फंस जाएगा। हमारी मांग है कि खरगोन जिले को किसानों की मांग अनुसार खाद की आपूर्ति सहकारी संस्थाओं के माध्यम से कराई जाए, ताकि किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो सके।
किसान विरोधी अध्यादेषों को निरस्त करें
नए कृषि कानूनों के विरोध में नई दिल्ली में किसानों द्वारा किये जा रहे आंदोलन के साथ जिला भारत कृषक समाज खरगोन पहले से ही खड़ा है। भारत कृषक समाज किसान आंदोलन के साथ है। आंदोलनरत किसानों द्वारा नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की लगातार मांग की जा रही है। परंतु किसान विरोधी केंद्र सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। इन काले कानूनों को भारत कृषक समाज भी निरस्त करने की पुरजोर मांग करती है। ये अध्यादेष किसान विरोधी है। इन अध्यादेषों से किसान बर्बाद हो जाएगा। हमारी मांग है कि इन अध्यादेशों को निरस्त किया जाए।
इंदिरा सागर परियोजना की नहरों में पानी छोड़कर तालाबों को भरें
म0प्र0 में कांग्रेस सरकारों के दौरान मां नर्मदा पर किसानों को सिंचाई का पानी मिले, इस हेतु बांधों का निर्माण कर समृद्व और खुशहाल किसानों को बनाने के लिए मध्यप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री और निमाड़ के भागीरथ कहे जाने वाले स्व. श्री सुभाष यादव ने सपना संजोया था। वह सपना उनके कार्यकाल में ही पूर्ण होकर निमाड़ में हरित क्रांति को फैलाया। परंतु बरसों बीत जाने के बाद भी वर्तमान में भाजपा सरकार इन नहरों की न तो मरम्मत करा पा रही है और न ही मायनर नहरों की साफ सफाई कर इनमें पानी प्रवाह किया जा रहा है। जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वर्तमान में इंदिरा सागर नहरों को पूर्ण क्षमता के साथ भरकर चलाया जाए। साथ ही मायनर नहरों में भी मां नर्मदा का पानी प्रवाह किया जाए, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी कम लागत में मिल सके। साथ ही हम किसान यह भी मांग करते हैं कि मां नर्मदा के पानी से बनी जिले की समस्त सिंचाई योजनाओं के माध्यम से इन नहरों से लगे ताल-तलैयाओं को भी भरा जाए। ताकि सिंचाई के पानी के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या का भी निराकरण हो सके।
किसानों का 2 लाख रू0 का कर्जा माफ किया जाए
2018 में म0प्र0 में कांग्रेस कसरकार बनी ओर तत्कालिन कृषि मंत्री और किसान पुत्र श्री सचिन सुभाष यादव ने किसानों की पीड़ा को समझा और किसान कर्जमाफी का बीड़ा उठाया। ओर किसान कर्ज माफी की शुरूआत की गई ।इस कर्जमाफी से हजारों किसानों को कर्ज से मुक्ति मिली। कांग्रेस सरकार ने 2 लाख रूपए तक के किसानों के दो चरणों में कर्ज माफ किए थे, परंतु तृतीय चरण के कई किसान इस कर्जमाफी से भाजपा सरकार के काबिज होने के बाद वंचित रह गए हैं। महामहिम जी से अनुरोध है कि कांग्रेस सरकार द्वारा चलाई गई कर्ज माफी योजना को पुन‘ प्रारंभ कर समस्त किसानों का 2 लाख रू0 का कर्ज माफ किया जाए।
खरगोन जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए
विगत दो वर्षों से कोरोना महामारी से जहां किसान पहले से ही परेशान था, वहीं इस वर्ष अल्पवर्षा के कारण किसानों को दोबारा बुआई करनी पड़ी थी। जिससे किसानों की कृषि उपज घटकर आधी हो गई। ऐसी स्थिति में भारत कृषक समाज की मांग है कि खरगोन जिले को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों को राहत राशि प्रदान की जाए।
समय रहते पेयजल समस्या का निराकरण करे सरकार
कसरावद तहसील के कई ग्रामों में अभी से ही पेयजल की समस्या उत्पन्न होने लगी है। अल्पवर्षा के कारण पेयजल स्त्रोत सूखने के कारण ग्रामीणों एवं मवेशियों के पीने के पानी की जद्दोजहद प्रारंभ होकर कई ग्रामों के ग्रामीण एक से दो किमी दूर से पेयजल लाने के लिए मजबूर हैं। वर्तमान में अल्पवर्षा के कारण ग्रामों के छोटे बड़े ताल तलैयों में पानी संग्रहण नहीं होने के कारण ये समस्या अभी से उत्पन्न होने लगी है। हमारा मानना है कि गर्मी के मौसम को आते-आते कहीं ये समस्या विकराल रूप न ले ले, इसलिए सरकार समय रहते ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्या का निराकरण अभी से करे।
इस अवसर पर परसराम यादव, अनिल यादव, डॉ. शिरीष जायसवाल, ओमप्रकाश पाटीदार, अमरसिंह पटेल, इंदरसिंह राठौर, गुलाबचंद पटेल, जितेंद्र पटेल, लोकेंद्रसिंह मंडलोई, चंदरसिंह मंडलोई, आनंदराम यादव, राजेंद्र दरबार, राजाराम पटेल, भगवान सोलंकी, अखिलेश पाटीदार, गणपति पटेल, मोहन बिरले, लोकेंद्रसिंह मंडलोई के साथ ही बड़ी संख्या में किसानगण आदि उपस्थित थे।