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मध्यप्रदेश में बनेगा योग आयोग: मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल। मध्यप्रदेश में योग आयोग का गठन किया जाएगा। योग की शिक्षा का कार्य अभियान के रूप में चलेगा। साथ ही योग विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञों और अनुभवी योगाचार्यों से मार्गदर्शन प्राप्त किया जाएगा। खेल विभाग की गतिविधियों में भी योग को शामिल किया जाएगा। राष्ट्रभक्त, चरित्रवान और परोपकारी नागरिक तैयार करने में भी योग की शिक्षा का उपयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ न्यास के संस्थापक स्वामी रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ चर्चा के पश्चात यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योगपीठ सभाकक्ष में स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, न्यास के पदाधिकारियों, विद्यार्थियों, उपस्थित नागरिकों, विद्वतजन और आमंत्रित श्रोताओं को अपने संबोधन से मंत्र-मुग्ध कर दिया। योगपीठ के सभाकक्ष में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भारतीय सनातन संस्कृति, भारतीय योग परम्परा, विश्व के राष्ट्रों में भिन्न-भिन्न विचारधाराओं के प्रारंभ और समाप्त होने के साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन, वर्तमान वैश्विक चुनौतियों और भारत के नेतृत्व को मिल रहे समर्थन के संबंध में विस्तार से विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मनुष्य द्वारा मन, शरीर, बुद्धि और आत्मा के सुख की चाह को विभिन्न दृष्टांतों के साथ प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान बाबा रामदेव की उपस्थिति में योगपीठ,  हरिद्वार में 'वैश्विक चुनौतियों का सनातन समाधान-एकात्म बोध' संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योग विज्ञान के महत्व की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे अनेक वर्ष से नियमित रूप से योग कर रहे हैं। मुख्य रूप से प्राणायाम, भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम, कपाल भाति आदि के साथ ही श्वांस लेने और छोड़ने के अभ्यास कर रहे हैं। गति के साथ साँस लेने के साथ नई ऊर्जा, नई चेतना और नई शक्ति शरीर को मिलती है, साँस छोड़ने पर अनेक विकार और कुविचार बाहर निकल आते हैं।

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