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नागदा- बिड़ला ग्रेसिम उद्योग से गैस का रिसाव, शहर में फैली दहशत, 6 लोग हुए आहत

नागदा/ उज्जैन। 5 जनवरी । मप्र के उज्जैन जिले के औद्योगिक शहर नागदा में संचालित ग्रेसिम कंपनी में शून्य दुर्घटना स्लोगन की एक बार फिर हवा निकल गई। उद्योग में भयंकर गैस का रिसाव हुआ। इस हादसे से पूरे वातावरण में कोहरे के समान धुंआ फैल गया। धुंए की का वेग इतना तेज था कि उद्योग से लगभग 2 किमी दूर शहर में इसका प्रभाव देखा गया। बिड़लाग्राम इलाके में तो लोग अपनी जान बचाने के लिए सडक़ों पर भागते देखे गए। घटना से पूरे शहर में दहशत फैल गई। प्रभावित लोगों ने खासी एवं बैचेनी महसुस की। इस हादसे में शासकीय अस्पताल में 6 लोगों के पहुुंचने की पुष्टि ब्लॉक मेडिकल आफिसर डा. कमल सोलंकी ने की है। हालांकि प्राथमिक उपचार के बाद उनको घर भेज दिया गया है।

हादसे की खबर के बाद जिला मुख्यालय से अधिकारियों का दल शाम 7 बजे तक पहुंचा। हालांकि स्थानीय अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे गए थे। कई जागरूक लोगों ने इस घटना की जानकारी भोपाल, उज्जैन तक तत्काल संबधित विभाग के अधिकारियों को दी। इस पूरे हादसे में यह खामी सामने आई कि उद्योग में किसी प्रकार की विपरीत स्थिति में खतरे का सायरन बजता है वह नहीं बजना एक जांच का विषय है।

ओलियम- एवं सल्फर ट्राईआक्साइड

मिली जानकारी के अनुसार यह हादसा उद्योग की एक यूनिट सीएसटू विभाग में हुआ। किस गैस का रिसाव हुआ उसको लेकर प्रशासन एवं औद्योगिक स्वास्थ्य विभाग के बयानों में विरोधाभास सामने आ रहा है। एसडीएमआशुतोष गोस्वामी ने हिंदुस्थान समाचार संवाददाता नागदा से बातचीत में बताया गया कि एसओ 3 गैस अर्थात सल्फर ट्राईआक्साईड गैस का रिसाव हुआ। जबकि औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के संभागीय अधिकारी हिमांशु सालोमन ने हिंदुस्थान समाचार से बातचीत में ओलियम के रिसाव की बात कही है। जब एसडीएम को यह बताया गया कि गैस रिसाव को लेकर विरोधाभास आ रहा है तो वे इस आपत्ति का स्पष्ट खुलासा नहीं कर पाए।

अधिकारी हिमांशु सालोमन कि माने तो ओलियम पदार्थ का स्वभाव तरल रूप में होता है। जब यह वातावरण के संपर्क में आता है तो धुंआ उठने लगता है। ग्रेसिम के सीएसटू विभाग में एक टैंकर लिकेज हुआ था। जिसके अंदर ओलियम भरा हुआ था। इसका लिकेज जैसे ही वायुमंडल में आया यह धुंए में तब्दील हुआ। उधर प्रबंधन जो बोल रहा वही प्रशासन बता रहा है । हालांकि जांच के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।

खतरनाक गैस का उपयोग

बताया जा रहा हैकि ग्रेसिम उद्योग में स्टेपल फाईबर का निर्माण होता है। इसके निर्माण में पानी, सैल्युलोज एवं सीएसटू गैस का उपयोग किया जाता है। सीएसटू गैस का निर्माण यहां पर ही होता है। इसी विभाग में सल्फर आदि से सीएटू गैस बनती है। सीएसटू एक घातक गैस के जो हवा के संपर्क में आते ही आग लगती है। इसी विभाग में यह हादसा हुआ है।

मीडिया को रोका 

ग्रेसिम प्रबंधन इस हादसे को लेकर मीडिया पर कड़ी निगरानी रखे हुआ था। पावर हाउस गेट पर पत्रकारों को रोक दिया गया। थाना प्रभारी को पहले तो अंदर जाने से रोका फिर, शर्त रखी कि पत्रकारों को अंदर नहीं ले जाएंगे। मीडिया के अधिकांश लोग अंदर तक टाईम आफिस के समीप सुरक्षा विभाग के कार्यालय में बैठकर जानकारियों को संकलित करते देखे गए। इस दौरान बार- बार ग्रेसिम के सुरक्षाकर्मी की आवाज यह सुनी गई कि पत्रकार लोग अंदर ही बैठे हैं।

क्या बोले मेडिकल अधिकारी

ग्रेसिम जनसेवा विभाग के अधीक्षक डॉ. प्रवीण यादव ने हिंदुस्थान समाचार से बातचीत में बताया हादसे की खबर मिलते ही सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। मेडिकल अमला अलर्ट था, लेकिन कोई भी घायल अस्पताल नहीं पहुंचा। इसी प्रकार ब्लॉक मेडिकल आफिसर. डॉ. कमल सौलंकी ने बताया शासकीय अस्पताल में 6 लोग आए थे, जिनको खासी एवं बैचनी की शिकायत थी। सभी को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।    

क्या बोले संभागीय अधिकारी

औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के सहायक संचालक अरविंद कुमार शर्मा ने हिंस से दूरभाष पर बताया अभी यह पता नहीं चला किस गैस का रिसाव हुआ। संभव सल्फर ट्राईआक्साइड का रिसाव हुआ। उन्होनें शीघ्र नागदा पहुंचने का दावा किया। इसी प्रकार से अधिकारी हिमंाशु नीमच दौर पर थे उन्होंने भी बताया वे रास्ते में हैं नागदा पहुंच रहे हैं। 

सडीएम बोले नियंत्रण में स्थिति

एसडीएम आशुतोष गोस्वामी का कहना है कि स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। किसी भी प्रकार की जनहानि के समाचार नहीं है। वे तथा सीएसपी घटना स्थल पर पहुंच गए थे। जिला स्तर के सभी जिम्मेदारियों को हादसे से अवगत करा दिया गया है।

दोषी प्रबंधन पर प्रकरण की मांग

इधर, रेलवे सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य अभिषेक चोरसिया ने दावा कि इस गंभीर हादसे की जानकारी संबधित विभाग के अधिकारी को भोपाल तक सबसे पहले उन्होंने दी है। बाद में उज्जैन के अधिकारियों को भी लिखित में शिकायत कर दी गई । उन्होंन मांग की हैकि जनता की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले उद्योग के दोषी अधिकारियो पर तुरंत अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।

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