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व्यवसायी मनीष चौरसिया आत्म हत्या कांड फिर गर्माया

क्रासर:पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपा

गंजबासौदा। व्यवसायी मनीष चौरसिया आत्महत्या कांड के 25 दिन गुज़र जाने के बाद भी पुलिस अभी तक मुख्य आरोपी संजू रघुवंशी को नहीं पकड़ पाई है। जबकि सुसाइड नोट के आधार पर अन्य आरोपियों के खिलाफ भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसी सिलसिले में गुरुवार के दिन पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने एसपी मोनिका शुक्ला के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीओपी मनोज मिश्रा को ज्ञापन सौंपा।

पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय पलोड़ के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि पुलिस अभी तक जांच ही कर रही है। जबकि मृतक मनीष चौरसिया द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में कई बार इस मामले के षड्यंत्रकारी नागेश त्रिवेदी और उसकी पत्नी का नाम शामिल है। लेकिन दोनों के खिलाफ अभी तक पुलिस की कार्रवाई शून्य है। 

ज्ञापन में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि घटना में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य शासन द्वारा आरोपियों की संपत्ति जप्त अथवा नष्ट किये जाने की कार्रवाई भी नहीं की गई। जिससे आरोपियों के हौंसले बुलंद हो गए हैं। ज्ञापन में आरोपी संजू रघुवंशी की गिरफ्तारी और अन्य आरोपियों के नाम जोड़े जाने की मांग की गई है।

25 दिन में पुलिस ने की ये कार्रवाई

व्यवसायी मनीष चौरसिया आत्महत्या कांड के मामले में पुलिस ने अभी तक मुख्य आरोपी संजू रघुवंशी की गिरफ्तारी पर 2500 रुपये का इनाम घोषित किया है। वही दूसरी और इस मामले की दूसरी आरोपी मृतक मनीष चौरसिया की पत्नी जो खुद उस समय शमशानघाट मृतक के अंतिम संस्कार में पहुंच गई थी, उसे गिरफ्तार किया था। उसके बाद से 25 दिन में लगभग 3 ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं और इनके माध्यम से आरोपी संजू को पकड़ने व षड्यंत्र में शामिल नागेश और उनकी पत्नी से पूछताछ या उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की जा रही है। 

15 पेज के सुसाइड नोट में है पूरी कहानी

व्यवसायी मनीष चौरसिया आत्महत्या कांड मामले में जनता को अभी तक वही मालूम चल सका है जो कि मृतक के परिजन बता रहे हैं।या फिर सुसाइड के दिन मृतक मनीष चौरसिया ने दीवार पर लिखा था कि मेरी मौत के जिम्मेदार पत्रकार संजू रघुवंशी और मनीष की पत्नी स्नेहा चौरसिया है। इसके अलावा जनता को अभी कुछ नही मालूम। इसी के चलते शायद 15 पेज के सुसाइड नोट की कहानी अभी तक राज ही बनी हुई है। जबकि पूरा सच उसी सुसाइड नोट में छुपा हुआ है। अब देखना ये है कि 3 ज्ञापनों के बाद पुलिस इस मामले में कितनी गंभीरता से काम करती है।

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