भोपाल। त्वरित न्याय सुलभ कराने के लिये तथ्यात्मक जानकारियाँ तत्परता से सहज उपलब्ध कराने सभी डाटा इंटेरोपेरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) में निरंतर अपडेट करें। कम्प्यूटर एवं ई-कोर्ट कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस श्री रोहित आर्या ने आज प्रशासनिक अकादमी में कमेटी की अध्यक्षता करते हुए उक्त निर्देश दिये। उन्होंने कम्प्यूटर एवं ई-कोर्ट कमेटी के सभी स्टेक होल्डर के साथ उच्च न्यायालय के विभिन्न प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा में समिति सदस्य जस्टिस अतुल श्रीधरन, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
ई-कोर्ट कमेटी अध्यक्ष जस्टिस श्री आर्या ने कहा कि सभी स्टेक होल्डर्स के लिये इलेक्ट्रॉनिक डाटा की उपलब्धता और अपडेशन के लिये रोडमेप बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अपराधों की गहन एवं सटीक विवेचना के लिये विवेचना अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिये। उनके द्वारा की गई जाँच के डाटा की सीधे मॉनीटरिंग के लिये डाटा एक्सेस वरिष्ठ अधिकारियों के पास होना चाहिये। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक का अधिकतम इस्तेमाल किये जाने की आवश्यकता है। जस्टिस आर्या ने फॉरेंसिक लेब की संख्या बढ़ाने के साथ लेब में वैज्ञानिकों की संख्या बढ़ाने और प्रशिक्षित कुशल अधिकारी-कर्मचारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिये।
जस्टिस श्री आर्या ने सभी स्टेक होल्डर्स को आईसीजेएस के डेशबोर्ड पर अपने विभागों से संबंधित जानकारी नियमित रूप से निरंतर अपडेट करने को कहा। उन्होंने कहा कि कोर्ट, पुलिस, जेल, प्रॉसीक्यूशन और एफएसएल के सभी डाटा डेशबोर्ड पर होने से संबंधित विभाग सहजता से जानकारियाँ प्राप्त कर सकेंगे। इससे निर्णयों में न केवल आसानी होगी, बल्कि निराकरण भी शीघ्रता से किया जा सकेगा।
जस्टिस श्री आर्या ने सभी विभागों की जानकारियों को लोक कल्याण और तत्परता से सहज एवं सुलभ न्याय उपलब्ध कराने के लिये कॉमन डेशबोर्ड बनाने पर भी विचार करने को कहा है। उन्होंने नोडल एजेंसी एनआईसी को इस कार्य में आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के लिये प्रमुख सचिव विज्ञान एवं टेक्नालॉजी को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हमें वर्गीकरण करना होगा, जिससे दस्तावेजों को डिजिटाइज किया जा सके। भविष्य में ये डाटा आवश्यकतानुसार उपयोग किये जा सकेंगे।