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सेंट पैट्रिक स्कूल प्रबंधन एवं अभिभावक आमने सामने, नहीं सुलझा फीस वृद्धि का मसला।

स्कूल प्रबंधन के प्रतिनिधि बोले-- जिन्हें सेंट पैट्रिक स्कूल की फीस अधिक लगे वह दूसरे स्कूलों में पढ़ायें अपने बच्चे। 

सेंट पैट्रिक स्कूल ने शिक्षा के स्तर को बढ़ाया है 

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सोहागपुर। सेंट पैट्रिक स्कूल प्रबंधन से अभिभावकों द्वारा की जा रही फीस कम करने की मांग संबंधी मामले में सोमवार को भी निर्णय नहीं हो सका। दरअसल बैठक में पूर्व निर्धारित निर्णय के अनुसार दोनों पक्ष सुनवाई के लिए एसडीएम कार्यालय पहुंचे थे। सेंट पैट्रिक स्कूल प्रबंधन से प्रतिनिधि के रूप में अधिवक्ता शंकरलाल मालवीय एवं अभिभावक एसोसिएशन के कई सदस्य एसडीएम अखिल राठौर के पास पहुंचे थे। 

स्कूल प्रबंधन के प्रतिनिधि ने फादर पी. सुसाई के स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देकर यथोचित निर्णय के लिए और समय देने की मांग की। एसडीएम ने दोनों ही पक्षों की सहमति के उपरांत समन्वय बनाने के लिए आगामी 28 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है। 

गौरतलब है कि विगत 2 माह से अभिभावकों के द्वारा स्कूल प्रबंधन से इस वर्ष 50% से अधिक की गई फीस वृद्धि को वापस लेने की मांग की जा रही है। इस संबंध में अभिभावकों की मांग पर एसडीएम अखिल राठौर के निर्देश पर बीईओ संजीव दुबे एवं बीआरसीसी जेपी रजक के द्वारा फीस वृद्धि की जांच पड़ताल की गई थी जिसमें यह खुलासा हुआ था कि स्कूल प्रबंधन के द्वारा भारी मात्रा में फीस वृद्धि की गई है। 

जिसे वापस लेने की मांग लगातार अभिभावक कर रहे हैं हालांकि इस संबंध में स्कूल प्रबंधन ने विचार विमर्श करने के उपरांत फीस वृद्धि में यथोचित कमी करने का आश्वासन अभिभावकों को दिया था। 

लेकिन अपने आश्वासन को पूरा नहीं कर सकने के चलते अभिभावकों ने विगत दिनों फिर से स्कूल में जाकर धरना दिया था। जिस पर नायब तहसीलदार रामकिशोर झरबड़े एवं पुलिस विभाग की ओर से आरक्षक गुरु पवार पहुंचे थे। जिसमें यह तय हुआ था कि 19 तारीख को स्कूल प्रबंधन एवं अभिभावक एसडीएम के सामने प्रस्तुत होकर अपनी अपनी बात रखेंगे। लेकिन स्कूल प्राचार्य का स्वास्थ्य खराब होने के चलते वह एसडीएम कार्यालय में उपस्थित नहीं हो सके। जिसके चलते आगामी 28 तारीख को दोनों पक्षों को फिर से बुलाया गया है।

नहीं हो रहा है स्मार्ट क्लास का उपयोग फिर भी वसूली जा रही फीस--- 

अभिभावकों का यहां तक कहना है कि कोविड-19 के बाद से ही कक्षा में लगे स्मार्ट बोर्ड बंद पड़े हुए हैं। जब से नया सत्र प्राम्भ हुआ है तब से विद्यार्थियों को ना तो स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध हुई है और ना ही पुस्तकालय की। बावजूद इसके स्कूल प्रबंधन द्वारा स्मार्ट क्लास के नाम पर लगभग दो गुना पैसा वसूला जा है। वहीं पुस्तकालय स्पोर्ट्स स्काउट सहित अन्य एक्टिविटी के नाम पर भी अलग से फीस वसूल की जा रही है। 

संवाद संप्रेषण में सेंट पैट्रिक स्कूल के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद रहे अधिवक्ता शंकर मालवीय ने कहा कि जो अभिभावक आर्थिक रूप से सक्षम नही हैं वो अपने बच्चों को किसी अन्य स्कूलों में पढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं। 

उल्लेखनीय है कि सेंट पैट्रिक स्कूल की शिक्षा पद्धति और व्यवस्था ने सोहागपुर में शिक्षा का स्तर बढ़ाया है आज स्कूल से पढ़े हुए बच्चे और उनके अभिभावक अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं यह बात भी कुछ अभिभावकों ने चर्चा के दौरान कही उन्होंने कहा कि शैक्षणिक स्तर बढ़ने से छात्रों में आत्मविश्वास भी बढ़ा है 

एसडीएम कार्यालय में अभिभावकों के रूप में छोटे साहब पटेल , विशाल गोलानी, देवेंद्र दीवान, मनोज ठाकुर ,शिवराज सिंह, राकेश गोस्वामी, महेश कुमार रावत , राजेंद्र पटेल, साहब भैया, राधेश्याम ,बलवंत सिंह , देवेंद्र पटेल, राजेश मालवीय , छोटे पटेल, किशोर पटेल, प्रताप पटेल ,देवराज पटेल ,नारायण सिंह , रामबाबू पटेल , अरविंद सिंह पटेल ,ओम प्रकाश पटेल ,राम पटेल ,उदल रघुवंशी ,कमलेश मालवीय, सुरेंद्र पटेल, नागेंद्र चौधरी ,वीरेंद्र पटेल, संजय कृष्णानी, राजेश रघुवंशी ,कृष्ण मुरारी रघुवंशी, जितेंद्र ठाकुर ,बबलू भाई,पंकज मौर्य ,आकाश रघुवंशी, श्याम राणा आदि मौजूद रहे।

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