Type Here to Get Search Results !

जिन जिलों में विमानतल/हवाई पट्टी बनाई जा सकती हैं, वहाँ प्राथमिकता देकर क्रियान्वयन करें : राज्य मंत्री परमार

भोपाल। स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार की अध्यक्षता में आज विमानन विभाग की विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक हुई। बैठक में प्रदेश में हवाई यातायात के विकास संबंधी विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। राज्य मंत्री श्री परमार ने कहा है कि जिन जिलों में हवाई पट्टियाँ/ विमानतल बनाए जा सकते हैं, वहां प्राथमिकता देकर क्रियान्वयन करें।

सचिव विमानन श्री विवेक पोरवाल ने बताया कि 52 जिलों में से 30 जिलो में विमानतल/हवाई पटिटयाँ उपलब्ध हैं। इंदौर, ग्वालियर, भोपाल, खजुराहों (छतरपुर) तथा जबलपुर में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के हवाई अड्डे हैं। प्रदेश स्थित 13 शासकीय हवाई पट्टी रतलाम, नीमच, उज्जैन, मंदसौर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, उमरिया, रीवा, शिवपुरी, सागर, गुना, सिवनी और दतिया को पायलट प्रशिक्षण, एयरो स्पोटर्स तथा अन्य उड्डयन गतिविधियाँ संचालित करने तथा एयरक्रॉफ्ट रिसाइकिलिंग के लिए निर्धारित वार्षिक शुल्क पर वैमानिक संस्थाओं को आवंटित की गई हैं। इससे प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ 60 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त होता है। इन संस्थाओं में प्रतिवर्ष लगभग 200 छात्र प्रशिक्षण प्राप्त करते है, जिससे रोजगार के अवसर भी मिलते है। इसके अतिरिक्त शासकीय हवाई पटिटयों को एन्युटी मॉडल पर विकसित और विस्तार करने की योजना भी प्रक्रियाधीन है।

श्री पोरवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी योजना (आर.सी.एस) में ग्वालियर से बैंगलौर, कोलकाता, जम्मू, तथा हैदराबाद रूट पर एवं जबलपुर से बिलासपुर रूट हवाई सेवाएँ संचालित हो रही है। साथ ही राज्य शासन आर.सी.एस के तहत अन्य स्थानों को भी वायु सेवा से जोड़ने के लिये प्रयासरत हैं। इन्दौर विमानतल को कस्टम नोटिफाईड एयरपोर्ट घोषित किया गया है। इन्दौर विमानतल से अंतराष्ट्रीय कार्गो सेवा भी वर्तमान में चालू है। प्रदेश के औदयोगिक क्षेत्र सिंगरौली में नवीन हवाई पट्टी की स्वीकृति जारी कर दी गई है, जिसका कार्य प्रगति पर है। शीघ्र ही स्थानीय निकायों को हवाई पार्किंग/लेण्डिंग सुविधा मिलना प्रारंभ हो जायेगी। ग्वालियर में वर्तमान में निर्मित एवं संचालित विमानतल के विस्तार एवं विकास हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 57.952 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। उज्जैन में 27 सितंबर 2022 को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में उज्जैन हवाईपट्टी पर बड़े विमानों की लेण्डिग सुविधाएँ उपलब्ध कराने हवाई पट्टी का विकास और विस्तार की परियोजना स्वीकृत करने का संकल्प पारित किया गया था, जिसकी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.