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म.प्र. के ढाई लाख आउटसोर्स की 325 रू. वेतन वृद्धि, ऊँट के मुंह में जीरा भार्गव

भोपाल। म.प्र. के श्रगआयुक्त इंदौर द्वारा माह अप्रैल 2023 से ढाई लाख अस्थाई श्रमिकों, आउटसोर्स एवं दैनिक वेतन भोगी अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल व उच्च कुशल कर्मचारियों के वेतन में मात्र 325रू. मासिक वेतन वृद्धि की गई है। श्रमायुक्त द्वारा जारी अधिसूचना 11869-11999 दि. 31.03.2023 के माध्यम से अकुशल कर्मचारियो का वेतन प्रतिमाह 9325 रु. से 9650 रू., अर्द्धकुशल का 10182 रु. से 10507 रु., कुशल का 11560 रु. से 11885 रु. एवं उच्च कुशल का वेतन 12860 रुपये से बढ़कर 13185 रू. हो जावेगा। इस तरह सभी श्रेणी के कर्मचारियो के वेतन में मात्र 325 रु. इजाफा किया गया है।

श्रम आयुक्त द्वारा की गई इस आशिंक वेतन वृद्धि को ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने ऊंट के मुँह में जीरा बताया है। उनका कहना है कि मंहगाई चरमपर है पर प्रदेश के ढाई लाख आउटसोर्स श्रमिकों का मिनिमम वेजेज रिवाईज कर उन्हें लिविंग वेज दिये जाने की जगह आंशिक मंहगाई भत्ता वृद्धि करना, उनके साथ क्रूर मजाक है। श्री भार्गव ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री व श्रम आयुक्त को पत्र लिखकर न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 की धारा 3 के तहत म.प्र. के विभिन्न विभागो, उपक्रमो, बिजली कम्पनियों के ढाई लाख आउटसोर्स कम्पनियों का न्यूनतम वेतन तत्काल रिवाईज करने की मांग की है। उनका कहना है कि यह न्यूनतम वेतन जो वर्ष 2020 में श्रम आयुक्त द्वारा रिवाईज किया जाना था, वह वर्ष 2023 में अब तक रिवाईज नही हुआ है, जो स्थापित मानकों की अनदेखी है एवं सरासर आर्थिक अन्याय है। यहाँ तक कि इस सम्बन्ध में शासन द्वारा न्यूनतम वेतन रिवाईज कमेटी अब तक गठित नहीं की गई है, जिसे तत्काल गठित किया जाना चाहियें।


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