भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बहन-बेटियों के लिए नया जमाना लाना है। बहन-बेटियाँ अपनी छोटी-मोटी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर न रहें, उन्हें किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत न पड़े, इसके लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। आजीविका मिशन में अब तक 51 लाख से अधिक बहनें जुड़ चुकी हैं। जब तक हर गरीब बहन इस मिशन से नहीं जुड़ जाती तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। गरीबी अभिशाप है और हम किसी बहन को गरीब नहीं रहने देंगे। बहनें आजीविका मिशन में संगठित होकर आगे बढ़ें और अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार के साथ मिल कर काम करें। राज्य शासन हर कदम पर आवश्यक सहयोग और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है। महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती होने से आज का दिन महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। महात्मा फुले ने भारी प्रतिरोध के बावजूद महिलाओं की शिक्षा और उन्हें सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज स्व-सहायता समूहों के संकुल संगठनों की बहनों के साथ संवाद कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बहनों की जिंदगी बेहतर बनाना हमारा मिशन है। समाज के बेटा-बेटी में अंतर करने वाली सोच को बदलने और बहनों के प्रति दुर्व्यवहार समाप्त करने के लिए लाड़ली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना और शिशु जन्म पर सहायता की योजनाएँ आरंभ की गई। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नगरीय निकायों और पंचायतों की आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गईं। परिणामस्वरूप वर्तमान में 17 हजार से अधिक बहनें निर्वाचित होकर विभिन्न पदों पर जिम्मेदारी संभाल रही हैं। महिलाएँ आर्थिक, समाजिक रूप से सशक्त हों और उनकी अपनी पहचान बने, इस उद्देश्य से महिलाओं द्वारा अचल सम्पत्ति के क्रय पर मात्र एक प्रतिशत स्टाम्प शुल्क लिया जा रहा है। इससे बड़ी संख्या में अचल सम्पत्तियाँ बहनों के नाम हुई हैं। बहनों को बैंक लिंकेज दिलवाने के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। स्व-सहायता समूहों को लोन पर केवल 2 प्रतिशत ब्याज देना होगा। इन सब गतिविधियों से बहनों की उद्यमशीलता और आर्थिक आत्म-निर्भरता बढ़ेगी। बहनों का आत्म-विश्वास बढ़ रहा है और उनकी सामाजिक स्थिति बदल रही है। यह एक सामाजिक क्रांति है, बहनें अब दीन-हीन अबला नहीं, अपितु नारायणी हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। आज सामाजिक समानता, महिला शिक्षा के अग्रदूत महात्मा फुले की जयंती है। महात्मा फुले के महिला शिक्षा, छुआछूत, दलित उत्थान के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महात्मा फुले का मानना था कि स्वंय पर विश्वास रखना, सत्य को जानना, जातीय भेदभाव को दूर करना और शिक्षा से लोगों को सशक्त बनाना स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है।
