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स्वच्छ भारत मिशन की गतिविधियों में युवाओं को जोड़ें

भोपाल। स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में मध्यप्रदेश को मिला प्रथम स्थान वर्ष 2023 में भी बरकरार रहना चाहिये। स्वच्छ भारत मिशन की गतिविधियों का केलेण्डर बनायें और इसमें युवाओं को जोड़ें। स्वच्छता पर निबंध और चित्रकला प्रतियोगिताएँ करवायें। गतिविधियों का प्रचार-प्रसार अधिक से अधिक करवायें और इसमें एनजीओ का भी सहयोग लें। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान स्वच्छ सर्वेक्षण के संबंध में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस करेंगे। मैं स्वयं सभी 413 नगरीय निकायों से वीडियो कॉन्फ्रेंस से चर्चा करूँगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने यह निर्देश मंगलवार को मंत्रालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि नगरीय निकायों, हाउसिंग बोर्ड एवं नगर तथा ग्राम निवेश में रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही जल्द से जल्द करें। आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा शर्तों में सुधार भी किया जाये।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि नगर तथा ग्राम निवेश के कार्यालय सभी जिलों में खोलने का प्रस्ताव तैयार करें। मध्यप्रदेश एकीकृत भूमि एवं भवन विकास नियम-2022 और टीडीआर नियमों में संशोधन की कार्यवाही 30 जून तक पूरी करें।

मंत्री श्री सिंह ने मध्यप्रदेश अर्बन डेव्हलपमेंट कम्पनी के कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि रोड के साथ ही उसके सौंदर्यीकरण को भी डीपीआर में शामिल करें। वर्तमान प्रोजेक्ट जल्द पूरे हो जायेंगे। नये प्रोजेक्ट लाने के लिये अभी से कार्यवाही करें। खुदाई के बाद सड़कों का जीर्णोद्धार ठीक ढंग से हो।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि अमृत-2.0 में जल-संरचनाओं और पार्क का कार्य बरसात के पहले पूरा करने का प्रयास करें। स्वीकृत कार्यों का डीपीआर जल्द तैयार करवा कर कार्य शुरू करवायें। प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री नीरज मण्डलोई ने बताया कि अमृत योजना में अभी तक 2 लाख 62 हजार नल कनेक्शन और 3 लाख 10 हजार सीवर कनेक्शन दिये जा चुके हैं। अमृत-2.0 योजना में कार्यों की स्वीकृति और डीपीआर बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। अमृत-2.0 योजना में जल-प्रदाय, सीवरेज, वाटर बॉडी जीर्णोद्धार और पार्क निर्माण से संबंधित कार्य करवाये जायेंगे। इन कार्यों के लिये 11 हजार 786 करोड़ 83 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार सभी नगरीय निकायों में पंजीयन सुनिश्चित करवायें। योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। अभी तक नगरीय निकायों में लाड़ली बहना के 10 लाख से अधिक पंजीयन हो चुके हैं।

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