बेगमगंज। श्री सीताराम यज्ञ, प्राण प्रतिष्ठा एवं संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ महामहोत्सव का भव्य आयोजन सियरमऊ के समीपस्थ ग्राम बिछुआ जागीर में चल रहा हैं । जिसमें सुप्रसिद्ध विद्वान पुराण मनीषी राष्ट्रीय संत पंडित दिनेशाचार्य महाराज काशी के मुखारविन्द से कथा अमृत रसवर्षा हो रही हैं। आज शनिवार को संत श्री द्वारा भगवान माखन चोर श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया गया। जिसमें सभी भक्त भक्ति के रस में सराबोर हो गए। कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। भगवान के जन्म की खुशी पर महिलाओं द्वारा अपने घरों से लगाए गए गुड़ के लड्डूओं से भगवान को भोग लगाया गया। इस अवसर पर महाराज ने कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया।
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श्रीमद् भागवत कथा |
उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत सुनने का लाभ भी कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को जीवन जीने और मरने की कला सिखाती है। मनुष्य को जीवन परमात्मा ने दिया है, लेकिन जीवन जीने की कला हमें सत्संग से प्राप्त होती है। सत्संग का मनुष्य के जीवन में बड़ा महत्व है। कथा व्यास ने कथा का वाचन करते हुए कहा कि भगवान भक्तों के वश में हैं। भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं।
श्री मद भागवत पुराण का आयोजन विगत 22 मई से चल रहा है जो कि 30 मई तक चलेगा। कथा के समापन दिवस पर पूर्णाहुति,प्रसाद वितरण का आयोजन होगा ।