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भोपाल की सड़कों पर एक ही दिन में दो बार तिरंगा रैली निकालने में कामयाब हुए एनपीएस कर्मचारी

वरिष्ठता सह पुरानी पेंशन की मांग को लेकर सरकार से आरपार की लड़ाई

भोपाल। वरिष्ठता के साथ पुरानी पेंशन की मांग को  लेकर आज 10 सितम्बर को प्रदेश भर के कर्मचारी भोपाल के अंबेडकर पार्क में एक दिवसीय धरना दिया। एनएमओपीएस के प्रांतीय अध्यक्ष परमानन्द डेहरिया एवं ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष डीके सिंगौर के नेतृत्व में हजारों कर्मचारियों ने माता मंदिर से विशाल तिरंगा रैली निकालकर धरना स्थल अंबेडकर पार्क पहुंचे, जहां राज्य कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, अपाक्स प्रदेश अध्यक्ष भुवनेश्वर पटेल, कैलाश सूर्यवंशी, वीरेंद्र खोंगल के नेतृत्व में धरना कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम में उपस्थित हजारों कर्मचारियों को संबोधित करते हुए प्रमुख वक्ताओं ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों की जमकर आलोचना की। कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया कि यदि वर्तमान सरकार वरिष्ठता के साथ पुरानी पेंशन और अन्य मांगे पूरी नहीं करती तो कर्मचारियों के परिवार, रिस्तेदारों का वोट उनकी मांगों को पूरा करने वाली पार्टी को जाएगा। धरना प्रदर्शन के दौरान अचानक जोरदार बारिश होने से कुछ देर अफरातफरी का माहौल बन गया। उसके बाद भी कर्मचारी छाता लगा कर कुर्सियों को सिर में रखकर बारिश से बचने का प्रयास करते हुए मैदान में डटे रहे।

बिना अनुमति के निकाली रैली -

अंबेडकर पार्क में आयोजित एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के समापन पर कर्मचारी एक बार फिर डीके सिंगौर, परमानंद डेहरिया, हनीफ खान, भारत भार्गव, मीना साहू, मनीषा सोनी, सुषमा खेमसरा, अर्चना गुमास्ता के नेतृत्व में हाथों में तिरंगा लहराते हुए सड़क पर निकल कर "पेंशन नहीं तो वोट नहीं" के नारों के साथ रैली निकालने लगे। पुलिस प्रशासन अनुमति ना होने का हवाला देते हुए रैली निकालने से रोकने का भरसक प्रयास किया। इस दौरान महिला मोर्चा और पुलिस प्रशासन के बीच धक्का मुक्की भी हुई और आखिर में कर्मचारी तिरंगा रैली निकालने में सफल हुए। बाद में डीएसपी पाण्डेय द्वारा मुख्यमंत्री तक कर्मचारियों का मांग पत्र पहुंचाने का आश्वासन देते हुए ज्ञापन लिया गया। 

इस समय पूरे देश में पुरानी पेंशन सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है। एक ओर जहां पुरानी पेंशन कर्मचारियों के भविष्य के लिए बहुत जरूरी है, वहीं दूसरी ओर पुरानी पेंशन का मुद्दा इस सरकार का भविष्य तय करेगा। उम्मीद है कि हमारे प्रदेश के मुखिया अपने कर्मचारियों को वरिष्ठता के साथ पुरानी पेंशन देकर एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने पर विचार करेंगे।

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