शाहजहांपुर।
शुष्क शौचालय को जल प्रवाहित शौचालय न बनाने वाले अब जेल भेजे जायेंगे, अब तक 33 शुष्क शौचालय धारकों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज एवं 502 शुष्क शौचालयों को ध्वस्तीकरण किया गया है।
जानकारी देते हुए जिलाधिकारी रितू महेश्वरी ने कहा है कि जो लोग शुष्क शौचालय को जल प्रवाहित नहीं बनवा रहे हैं उनका चिन्हाकंन कर लिया गया है और सभी को नोटिस भेजा जा चुका है। जिसे समयबद्ध समय में उन्हें पूरा करना होगा। समय व्यतीत होने पर जलप्रवाहित शौचालय न पाये जाने पर वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
उन्होंने बताया कि मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस कुप्रथा को समाप्त करने की प्रगति का अनुश्रवण किया जा रहा है। कि देश में कहीं भी शुष्क शौचालय न रहें। वर्तमान में इस कार्य में नगरीय निकायों में 267 स्वच्छकार कार्यरत पाये गये हैं। इन का पुर्नवास का कार्य अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम द्वारा किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने बताया कि उ0प्र0 सरकार द्वारा केन्द्रीय अधिनियम सफाई कर्मचारी नियोजन एवं शुष्क शौचालय सनिर्माण अधिनियम 1993 को अंगीकृत कर लिया गया है। अधिनियम की धारा 3 में व्यवस्था है कि राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी किये जाने की तिथि से अधिसूचित क्षेत्र के अन्र्तगत कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को मल ढोने के लिए न तो योजित करेगा और न ही योजित किये जाने की अनुमति प्रदान करेगा तथा शुष्क शौचालय न तो बनायेगा और न ही रखेगा। इसका उल्लघंन होने की दशा में अधिनियम की धारा 14 के अन्र्तगत कारावास व 2000 रू0 जुर्माना हो सकता है।
शुष्क शौचालय रखने वालों को होगी जेल
अक्टूबर 23, 2012
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