पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, ग्रामीण सिर्फ घास छील सकेंगे,
वन संपदा को नुकसान पहुंचाने पर जुर्माना के साथ सजा होगी सजा भी
शमिन्दर सिंह, शाहजहांपुर.
जनपदवासियों के लिए गौरव की बात है कि शाहजहांपुर के 2622 हेक्टेयर जंगल को दुधवा नेशनल पार्क में शामिल कर लिया गया है। इससे लोग पर्यटन का आनंद उठा सकेंगे। इस क्षेत्र को अब बफर जोन घोषित कर दिया गया है। इसमें लखीमपुर खीरी जनपद के उत्तरी इलाके का जंगल भी शामिल हुआ है। बफर जोन में वन्य जीव व प्राकृतिक संपदा को क्षति पहुंचाने पर 5 लाख रुपए का जुर्माना और 7 साल तक की सजा होगी।
गौरतलब होगा कि, सर्वोच्च न्यायालय का सालभर पहले निर्णय आया था, कि कोर जोन के 20 फीसदी भाग को पर्यटन के लिए खोल दिया जाए। कोर जोन में वन विभाग के अलावा किसी का भी प्रवेश वर्जित रहता है, जबकि बफर जोन में लोग घास छीलने का कार्य कर सकते हैं, लेकिन वन्य जीव या प्राकृतिक संपदा को क्षति नहीं पहुंचा सकते हैं। यदि किसी भी व्यक्ति ने ऐसा किया तो उसे 5 लाख का जुर्माना अदा करने के साथ ही 7 साल की सजा भी हो सकती है। जिले की पुवायां तहसील व खुटार विकास खंड में स्थित जंगल का 2622 हेक्टेयर क्षेत्रफल को दुधवा नेशनल पार्क के बफर जोन में शामिल कर लिया गया है। बफर क्षेत्र में किशनपुर, हरीपुर व सुल्तानपुर इलाके का जंगल लिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन में देश के नेशनल पार्कों के कोर जोन के 20 फीसदी इलाके को पर्यटन के उद्देश्य से बफर जोन में शामिल किया गया है। जिन नेशनल पार्को के पास अतिरिक्त जंगल नहीं था, वहां पर उसी जंगल के 20 फीसदी भाग को बफर जोन बनाया गया है।
कोर और बफर जोन में फर्क
देश के सभी नेशनल पार्क कोर जोन में आते हैं। कोर जोन और बफर जोन में काफी फर्क होता है। कोर जोन में वन्य जीव जंगल के किसी भी भाग में विचरण कर सकते हैं। इस जोन में वन विभाग के कर्मचारियों के अलावा किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित रहता है। बफर जोन में वन्य जीव विचरण कर सकता है, लेकिन इस क्षेत्र में पर्यटक घूम सकते हैं। घास को छील सकते हैं, पशुओं को चरा सकते हैं, लेकिन वन्य जीव व प्राकृतिक संपदा को क्षति नहीं पहुंचा सकते हैं। जंगली जानवरों से उन्हें स्वयं सुरक्षा करनी होती है। सूचना पर वन विभाग की टीम वन्य जीव को पकड़कर फिर जंगल में छोड़ देती है।
कहते हैं जिम्मेदार-------
खुटार क्षेत्र के अधिकांश जंगल को दुधवा नेशनल पार्क के बफर जोन में शामिल किया गया है। यह इलाका अब महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि इसे नेशनल पार्क में समायोजित कर लिया गया है। इस जंगल के रखरखाव के लिए बजट वन विभाग शाहजहांपुर को ही मिलेगा। जंगल की संरक्षा भी जनपद का वन विभाग ही करेगा। हालांकि, इस क्षेत्र में वन्य जीव व प्राकृतिक संपदा को क्षति पहुंचाने पर कठोर सजा का प्रावधान भी हो गया है।
एके सिन्हा, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी
दुधवा नेशनल पार्क में शामिल हुआ शाहजहांपुर जिले का जंगल
नवंबर 22, 2012
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