
भोपाल
ठगों पर लगातार प्रहार, पीड़ितों को त्वरित राहत
मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा साइबर अपराधों के विरुद्ध चलाए जा रहे सतत और व्यापक अभियान के उल्लेखनीय परिणाम सामने आ रहे हैं। अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग, त्वरित रिस्पॉन्स, विशेषज्ञ साइबर टीमों की दक्षता के अंतर्गत सटीक कार्यवाही के परिणामस्वरूप केवल 10 दिनों में ही 18 लाख 80 हजार से अधिक राशि साइबर फ्रॉड पीड़ितों को सफलतापूर्वक वापस कराई गई है। यह उपलब्धि मध्यप्रदेश पुलिस की कार्यकुशलता, पेशेवर तत्परता और नागरिक हितों के प्रति उसकी गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।राज्य के विभिन्न जिलों में साइबर सेल एवं पुलिस इकाइयों की समन्वित कार्रवाइयों ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि मध्यप्रदेश पुलिस न केवल अपराधियों तक तेजी से पहुँचती है, बल्कि पीड़ितों को आर्थिक राहत उपलब्ध कराने में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है।
प्रमुख कार्यवाही
देवास
जिले की साइबर सेल ने हाल के दिनों में उत्कृष्ट दक्षता का परिचय देते हुए अनेक मामलों में त्वरित कार्रवाई की और कुल 9 लाख 54 हजार से अधिक राशि पीड़ितों के खातों में वापस कराई। टीम ने नए से लेकर पुराने प्रकरणों तक में डिजिटल ट्रेल का अनुसरण करते हुए ठगी की राशि ट्रेस कर उसे सफलतापूर्वक रिकवर किया।
इंदौर (जोन-1) — फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश
थाना एरोड्रम पुलिस, इंदौर एवं जिला जींद (हरियाणा) की साइबर क्राइम टीम की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़े फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया। इस कार्रवाई में 37 एंड्रॉइड मोबाइल, 53 कीपैड मोबाइल, 5 लैपटॉप, 1 लाख 40 हजार 300 रुपए नगद, “Bharat Wedding & Community Matrimonial” की रसीद बुक्स, संदिग्ध चेकबुक्स, 30 रजिस्टर, 4 QR कोड व अन्य दस्तावेज जब्त किए गए। यह संयुक्त अभियान अंतरराज्यीय साइबर गिरोहों पर प्रभावी प्रहार का उदाहरण है।
भोपाल — “डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड” का खुलासा
भोपाल में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए “डिजिटल अरेस्ट” के एक जटिल धोखाधड़ी प्रकरण को विफल किया। अपराधियों ने शमसुल हसन को फर्जी कॉल कर ATS पुणे के नाम पर धमकाते हुए तीन घंटे तक मानसिक दबाव में रखा था। परिवार द्वारा सूचना मिलते ही थाना कोहेफिजा पुलिस ने सक्रियता से मात्र चार घंटे में पीड़ित को सुरक्षित मुक्त कराया और संभावित वित्तीय नुकसान रोका। यह प्रकरण भोपाल पुलिस की संवेदनशीलता व तत्परता का सशक्त उदाहरण है।
मऊगंज
साइबर सेल और थाना मऊगंज की संयुक्त टीम ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करते हुए ऑनलाइन ठगी के 6 लाख 57 हजार रुपए पीड़ित के खाते में वापस कराए। यह कार्रवाई समयबद्ध प्रयास और कुशल समन्वय का परिणाम रही।
मध्यप्रदेश पुलिस नागरिकों की ऑनलाइन सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से निरंतर सक्रिय है। सामान्य जनता से अपील की जाती है कि किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या ऑनलाइन लेनदेन संबंधी ठगी की जानकारी तत्काल सायबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाना में दें।
जिले की साइबर सेल ने हाल के दिनों में उत्कृष्ट दक्षता का परिचय देते हुए अनेक मामलों में त्वरित कार्रवाई की और कुल 9 लाख 54 हजार से अधिक राशि पीड़ितों के खातों में वापस कराई। टीम ने नए से लेकर पुराने प्रकरणों तक में डिजिटल ट्रेल का अनुसरण करते हुए ठगी की राशि ट्रेस कर उसे सफलतापूर्वक रिकवर किया।
इंदौर (जोन-1) — फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश
थाना एरोड्रम पुलिस, इंदौर एवं जिला जींद (हरियाणा) की साइबर क्राइम टीम की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़े फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया। इस कार्रवाई में 37 एंड्रॉइड मोबाइल, 53 कीपैड मोबाइल, 5 लैपटॉप, 1 लाख 40 हजार 300 रुपए नगद, “Bharat Wedding & Community Matrimonial” की रसीद बुक्स, संदिग्ध चेकबुक्स, 30 रजिस्टर, 4 QR कोड व अन्य दस्तावेज जब्त किए गए। यह संयुक्त अभियान अंतरराज्यीय साइबर गिरोहों पर प्रभावी प्रहार का उदाहरण है।
भोपाल — “डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड” का खुलासा
भोपाल में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए “डिजिटल अरेस्ट” के एक जटिल धोखाधड़ी प्रकरण को विफल किया। अपराधियों ने शमसुल हसन को फर्जी कॉल कर ATS पुणे के नाम पर धमकाते हुए तीन घंटे तक मानसिक दबाव में रखा था। परिवार द्वारा सूचना मिलते ही थाना कोहेफिजा पुलिस ने सक्रियता से मात्र चार घंटे में पीड़ित को सुरक्षित मुक्त कराया और संभावित वित्तीय नुकसान रोका। यह प्रकरण भोपाल पुलिस की संवेदनशीलता व तत्परता का सशक्त उदाहरण है।
मऊगंज
साइबर सेल और थाना मऊगंज की संयुक्त टीम ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करते हुए ऑनलाइन ठगी के 6 लाख 57 हजार रुपए पीड़ित के खाते में वापस कराए। यह कार्रवाई समयबद्ध प्रयास और कुशल समन्वय का परिणाम रही।
मध्यप्रदेश पुलिस नागरिकों की ऑनलाइन सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से निरंतर सक्रिय है। सामान्य जनता से अपील की जाती है कि किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या ऑनलाइन लेनदेन संबंधी ठगी की जानकारी तत्काल सायबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाना में दें।