राजेंद्र कोठारी, आर्थिक विश्लेषक, भोपाल.
भारतीय जनतंत्र के इतिहास में 10 फरवरी ऐतिहासिक दिन होगा, जब दिल्ली निवासियों ने जनतंत्र को मजबूत करते हुये स्वच्छ राजनीति और स्वच्छ प्रशासन को चुना। इस चुनाव में भ्रष्टाचार और जातिगत राजनीति के खिलाफ अपना निर्णय दिया।
दिल्ली की जनता की उम्मीद है कि अरविन्द्र केजरीवाल की आप सरकार एक स्वस्थ्य सरकार बनेगी, जिसका ध्यान शिक्षा, महिला सुरक्षा, पेयजल, बिजली और स्वच्छता की ओर होगा। इसके साथ ही गरीब जनता को रोजगार के अवसर भी मिलेगें।
पूर्व में अरविन्द्र केजरीवाल ने विदेशी निवेश का खुदरा बाजार में विरोध किया था और स्वदेशी और कुटीर उद्योग को बढावा देने की बात कही थी। श्री केजरीवाल ने बिजली के टेरिफ दर की कमी की वकालत की थी और उसके लिये उन्होंने निजी कंपनियों की आडिट करने की और मुनाफाखोरी कम करने की बात कही थी। श्री केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एसएमएस द्वारा भ्रष्टाचार को रोकने की बात भी कही थी।
जनवरी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आप और केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड रहे थे। मोदी ने केजरीवाल विरोधी लोगों को चुनाव में खड़ा कर और श्रीमती किरण वेदी को भाजपा का मुख्यमंत्री नामांकित कर विकास के नाम पर चुनाव लड़ा। भारत में दिल्ली राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 72 हजार है, जो कि पूरे देश में सब राज्यों से बहुत ज्यादा है। शिक्षा स्तर और रोजगार के अवसर दिल्ली में सबसे ज्यादा है। जब भारत सरकार के प्रधानमंत्री पूरी केबिनेट एवं 122 सांसद और बीजेपी प्रशासित राज्यों के मुख्यमंत्री दो करोड़ लोगों को रीझा रहे थे और श्री नरेन्द्र मोदी आत्ममुग्ध होकर कह रहे थे की उनके जैसा किस्मत वाला कोई नही। ऐसे वक्त में दिल्ली की जनता ने, जो पूरे भारत राज्य की जनता का प्रतिनिधित्व करती है, उन्होंने राजनीति की सुनामी लाकर 67 आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों को चुनकर देश को नई दिशा दे दी है। परन्तु जो भी आमधारणा हो, श्री अरविन्द्र केजरीवाल और उनकी सरकार दिल्ली राज्य को नये रोजगार के अवसर देगी व शिक्षा के क्षेत्र में नये कीर्तिमान पैदा करेगी। क्योंकि सारे चुने हुए प्रतिनिधियों को दिल्ली की जनता ने बहुत नजदीकी से जाना है और साथ में इन चुने हुये प्रतिनिधियों को सार्वजनिक जीवन में दो साल तक परखा है।
नई सरकार के शासन में जातिगत झगड़े नही होगें क्योंकि उनके मन में जनता को सुशासन देना है, जिसमें वे आम आदमी को जातिगत झगड़ों से मुक्त कर बेहतर सामाजिक जीवन देने के लिये प्रतिबद्ध है। केजरीवाल सरकार मुनाफाखोरी के खिलाफ है परन्तु व्यापारी स्वतंत्रता के खिलाफ नही है। केजरीवाल का विश्वास जनतांत्रिक परम्पराओं में है और उनकी सरकार को जो दिल्ली की जनता ने विश्वास दिया है वह जनता की सोची समझी रणनीति के तहत एक स्वच्छ, ईमानदार प्रशासन के लिये वोट है। दिल्ली की जनता ने प्रधानमंत्री के दम्भ को नकारा है।