मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार को बड़वानी के नागलवाड़ी पहुंचे। यहां उन्होंने माइक्रो सिंचाई योजना के भूमिपूजन कार्यक्रम में शिरकत की। मुख्यमंत्री ने जिले के नागलवाड़ी में 1316 करोड़ के 4 निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया। इन कार्यों के पूरे होने पर 47 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा तथा ग्रामीण अंचलों में पहुंचना आसान हो जाएगा। मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ ने पहली बार जिले का दौरा किया।
मुख्यमंत्री दोपहर 2 बजे नागलवाड़ी पहुंचे और 1173 करोड़ रुपए से शुरू होने वाली नागलवाड़ी माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना के साथ ही करीब 140 करोड़ रुपए से होने वाले अन्य विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। भूमिपूजन के पहले मुख्यमंत्री ने नागलवाड़ी शिखर धाम पहुंचकर भीलट देव की पूजा अर्चना कर प्रदेश के विकास की कामना की।

मुख्यमंत्री ने यहां 1173.03 करोड़ से निर्मित होने वाली नागलवाड़ी उद्द्वहन सिंचाई योजना, 96.97 करोड़ से होने वाले पाटी-बोकराटा-खेतिया मार्ग का उन्नयन, 1492.21 लाख से खरगोन- बड़वानी मार्ग पर बनने वाली 10 उच्च स्तरीय पुलिया निर्माण, 31.27 करोड़ से बालसमुंद-ओझर-नागलवाड़ी मार्ग का उन्नयन का भूमिपूजन किया। बता दें कि नागलवाड़ी योजना से खरगोन एवं बड़वानी जिले के 116 ग्रामों की 47 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी, जबकि पाटी-बोकराटा-खेतिया मार्ग बन जाने से बड़वानी से खेतिया की दूरी 40 किलोमीटर कम हो जाएगी। वहीं यह मार्ग बन जाने से जिले के दुर्गम क्षेत्र पाटी के कई गांव बारहमासी मार्ग से जुड़ जाएंगे। इसी प्रकार खरगोन-बड़वानी मार्ग पर 10 उच्च स्तरीय पुल बन जाने से बारिश में इन स्थानों के वर्तमान में बने पुलों पर पानी चढ़ जाने से होने वाले परेशानी से निजात मिल जाएगी। वही बालसमंद- ओझर-नागलवाड़ी मार्ग के उन्नयन से भिलटदेव तक आने वाले श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी।
नबआं कार्यकर्ता बोले- पहले नर्मदा दशा में सुधारो : नर्मदा नागलवाड़र उद्वहन सिंचाई परियोजना को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने बताया पहले नर्मदा की दशा को सुधारा जाए। फिर योजना को शुरू किया जाए। उन्होंने बताया नर्मदा का प्रवाह जब तक ठीक नहीं होगा, तब तक योजना को सफल नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने मांग की है योजना में जिन किसानों की भूमि जा रहा है, उन्हें मुआवजा नहीं दिया है, जिसे दिया जाए।