नैशनल कॉन्फ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) ने शुक्रवार को कहा कि वे जम्मू-कश्मीर में किसी निर्वाचित सरकार के अभाव में भारतीय संविधान के 77वें और 103वें संशोधन को राज्य में लागू करने के केंद्र के निर्णय के खिलाफ अदालत का रुख करने पर विचार कर रहे हैं। दोनों पार्टियों ने यह प्रतिक्रिया उस वक्त जाहिर की जब केंद्र सरकार ने गुरुवार को उस अध्यादेश को मंजूरी दी, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को आरक्षण का लाभ दिए जाने का प्रावधान है।

सीनियर इंस्पेक्टर अजय सावंत ने बताया कि अकील को आठ साल पहले भी हमने गिरफ्तार किया था। बाद में वह जमानत पर छूट गया था। पश्चिम उपनगर के एक बिल्डर के ऑफिस में दिसंबर से एजाज लकड़ावाला के फोन आ रहे थे। डॉन इस बिल्डर से 50 लाख का हफ्ता मांग रहा था। बिल्डर ने लैंडलाइन नंबर बंद करवा दिया। इसीलिए उसके पास उगाही के फोन भी आने बंद हो गए।
कुछ दिनों बाद बिल्डर ने फिर लैंडलाइन नंबर चालू करवाया। उसके बाद उसके पास फिर धमकी भरे फोन आने लगे। बिल्डर के लैंडलाइन सेट में कॉलर आईडी सुविधा लगी हुई है। उसी में धमकी भरे कॉल करने वाले का नंबर भी आ गया। जब इंस्पेक्टर सचिन कदम, राजू सुर्वे और अरविंद पवार ने इस नंबर की पड़ताल की, तो यह मीरा रोड का निकला।
बाद में जब एजाज लकड़ावाला के मीरा रोड कनेक्शन की जांच हुई, तो पता चला कि उसका भाई अकील भी वहीं रहता है। जांच अधिकारियों ने फिर उसके मोबाइल नंबर और लोकेशन को ट्रैक करना शुरू किया। उसी में वह शक के घेरे में आया। बाद में पता चला कि अकील ने अपने लोगों के जरिए बिल्डर को धमकी भरे कॉल करवाए थे।