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विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव के बाद ईवीएम लेकर लौट रही बस फिर वहीं हुई खराब

सागर। सागर लोकसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के पश्चात ईवीएम लेकर लौट रहे कमर्चारियों की बस बीच जंगल में खराब हो गई। दो से तीन घंटे बाद दूसरी बस आई। इस बीच मतदान कमिर्यों और पुलिस में जमकर बहस हुई। खास बात यह है कि इस बार भी मतदान कमिर्यों का वाहन उसी जरुवाखेड़ा के जंगल में खराब हुआ, बीते विधानसभा चुनाव के दौरान खराब हुआ था। 


 सागर में मतदान के बाद लौट रहा वाहन खराब होकर घंटों जंगल में खड़ा रहा, भगवान भरोसे रही ईवीएम 


बताया जाता है कि सागर लोकसभा क्षेत्र के खुरई विधानसभा क्षेत्र से आ रहा ईवीएम मशीनों से भरा वाहन जरुवाखेड़ा में बिगड़ गया। इस दौरान पुलिस और पीठासीन अधिकारियों के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गई। इस मामले का कवरेज कर रहे एक पत्रकार पर पीठासीन अधिकारी ने गुस्सा निकाला और उसका मोबाइल छीनकर वीडियो फुटेज डिलीट करने की कोशिश की। लगभग डेढ़ घंटे बाद दूसरा वाहन आया और फिर सड़क के किनारे रखी रहीं ईवीएम मशीनों को उसमें रखा गया। 

यही घटना विधानसभा चुनाव में भी
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी सागर जिले में चुनाव व्यवस्था में गड़बड़ी का मामला सामने आया था. विधानसभा चुनाव में जरुवाखेड़ा के पास जंगल में ईवीएम मशीनों से भरे वाहन खराब हुए थे। इसको लेकर पूरे जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किए थे। इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस के बीच घमासान मचा रहा। 

जरुआखेड़ा का जंगल 
जरुवाखेड़ा के बीओ ने बताया कि खुरई विधानसभा के भीलोन बिलैया नरोदा की ईवीएम मशीनें सागर में जमा करने के लिए ले जाते समय रविवार रात 9:15 बजे के लगभग जरुवाखेड़ा में मशीनों से भरी बस क्रमांक एमएच 43 एच 1122 अचानक बीच सड़क पर बंद हो गई। लगभग डेढ़ घंटे तक बस में बैठे पीठासीन अधिकारी दूसरी बस आने का इंतजार करते रहे। इसी दौरान बस में सवार चार अन्य पीठासीन अधिकारी पूरी पार्टी के साथ सड़क के बाजू में नाली पर बैठे रहे।


बिलैया के पीठासीन अधिकारी पीसी चौधरी ने बताया कि 'गाड़ी अपने आप बंद हो गई। मैंने इसकी शिकायत वाहन प्रभारी देशराज अहिरवार को दी है। जब इस संबंध में वाहन प्रभारी देशराज अहिरवार से बात की तो उन्होंने बताया कि वाहन बिगड़ने की सूचना मैंने अपने उच्चाधिकारियों को सेक्टर प्रभारी आरआई निर्वाचन खुरई को दे दी है। शीघ्र ही दूसरे वाहन आ रहे हैं।' नरोदा के पीठासीन अधिकारी लक्ष्मी नारायण से जब इस संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा 'कि वाहन अपने आप बंद हो गया।'


इसी बीच नरोदा के पीठासीन अधिकारी लक्ष्मी नारायण तिवारी और सब इंस्पेक्टर पाठक के बीच बस में बैठने को लेकर जमकर बहस होने लगी। पीठासीन अधिकारी चिल्ला-चिल्ला कर कहने लगा कि 'हम ऐसी भीड़ में नहीं  बैठेंगे। हम ऐसे ही मशीनें पड़ी रहने देंगे, फिर जिसको लेने आना हो वह आए. अगर एक भी ईवीएम मशीन कहीं इधर की उधर हो जाएगी तो सभी लोग नप जाएंगे।


एसआई पाठक आनन-फानन में मतदान दलों को बस व टाटा सूमो गाड़ी में ठूंसकर बैठाने लगे। इसी दौरान वहां कवरेज कर रहे एक पत्रकार पर पीठासीन अधिकारी ने गुस्सा झाड़ते हुए उनका मोबाइल छीन लिया। उन्होंने डाटा कवरेज डिलीट करने की कोशिश की और वाहनों को जल्दी से रवाना करने का इशारा करने लगे। जब इस बीच वहां उपस्थित अन्य पत्रकारों ने विरोध किया तो उन्होंने तत्काल मोबाइल वापस कर दिया। 

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