नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सरकारी कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक कर पूंजी खर्च पर चर्चा की। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीतारमण ने बताया- कंपनियों से कहा है कि सर्विस प्रोवाइडर, वेंडरों और ठेकेदारों का बकाया भुगतान 15 अक्टूबर तक करें। इसमें कोई बहाना नहीं चलेगा।
सीतारमण ने कहा कि सरकारी कंपनियों से भुगतान संबंधी मामलों के लिए नया पोर्टल शुरू करने के लिए भी कहा है। ताकि, सर्विस प्रोवाइडर बिल और भुगतान संबंधी जानकारी ट्रैक कर सकें। कंपनियों से अगली चार तिमाही की खर्च योजना भी मांगी है।
242 सरकारी कंपनियां 4 लाख करोड़ रुपए खर्च करेंगी
सीतारमण के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे वित्त सचिव राजीव कुमार ने बताया कि 34 सरकारी कंपनियां अगस्त तक 48,077 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी हैं। दिसंबर तक 50,159 करोड़ रुपए के खर्च की योजना है। जनवरी-मार्च तिमाही में 54,700 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। व्यय सचिव जी सी मुर्मू ने बताया कि सभी 242 सरकारी कंपनियां कुल 4 लाख करोड़ रुपए खर्च करेंगी।
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार खर्च बढ़ाने पर जोर दे रही है। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ बैठक कर पूंजी खर्चों की समीक्षा की। बैठक के बाद बताया कि मंत्रालयों से सर्विस प्रोवाइर का बकाया भुगतान जल्द करने के लिए कहा है। अगली चार तिमाही के लिए पूंजी खर्च की योजना भी मांगी है।
