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मेट्रो रेल और भोपाल के विकास की कहानी मुख्यमंत्री की जुबानी

भोपाल।  मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के शिलान्यास समारोह में परियोजना की शुरूआत कैसे हुई, इस बारे में विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री ने बताया कि जब वे शहरी विकास मंत्री थे, तब जयपुर में शुरु हुई मेट्रो रेल परियोजना के शुभारंभ समारोह में गए थे। उसके पहले वह बैंगलौर, हैदराबाद में भी मेट्रो रेल शुभारंभ समारोह में शामिल हुए थे। तब उन्हें लगा था कि यह मेट्रो रेल हमारे प्रदेश के भोपाल और इन्दौर जैसे शहरों में क्यों शुरु नहीं हो सकती। श्री कमल नाथ ने बताया कि तब उन्होंने दिल्ली से प्रदेश के तत्कालीन मंत्री श्री बाबूलाल गौर को फोन लगाया और उनसे कहा कि वे मेट्रो रेल परियोजना की शुरुआत क्यों नहीं कर रहे हैं। श्री गौर ने उन्हें बताया कि पैसा ही नहीं है। डीपीआर बनाने के लिए भी हमारे पास पैसा नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने श्री गौर से कहा था कि वे प्रस्ताव बनाकर भेजें। श्री कमल नाथ ने बताया कि प्रस्ताव आने पर केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री होने के नाते मैने मेट्रो रेल की डीपीआर बनाने के लिए उस समय मध्यप्रदेश को 5 करोड़ रुपये स्वीकृत किये थे।

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने भोपाल के सौंदर्यीकरण और बड़े तालाब के विकास के लिए केन्द्रीय मंत्री के रूप में दी गई मदद का भी जिक्र किया। श्री कमल नाथ ने बताया कि जब वे जवानी के दिनों में भोपाल आते थे, तो भोपाल की बड़ी झील की दुर्दशा देखकर शर्मिंदा होते थे। उन्होंने बताया कि यह बात वर्ष 1991 की है। बड़ी झील न केवल गंदी थी बल्कि उसके आसपास सड़कें भी नहीं थीं। पर्यावरण मंत्री के रूप में उन्होंने भोपाल झील के सौंदर्यीकरण, साफ-सफाई, वृक्षारोपण और सड़क आदि के लिए बड़ी राशि स्वीकृत की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब झील के आसपास हुए विकास कार्यों और साफ-सफाई को देखता हूँ, तो मुझे बहुत खुशी मिलती है।

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