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जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को ‘राइट लाइवलीहुड अवॉर्ड’, वैकल्पिक नोबेल के नाम से प्रसिद्ध है


स्टॉकहोम। स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को बुधवार को ‘राइट लाइवलीहुड ‌अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। स्वीडिश ह्यूमन राइट्स प्राइज की जूरी ने बताया कि इस अवॉर्ड को ‘वैकल्पिक नोबल पुरस्कार’ भी कहा जाता है। उन्हें यह पुरस्कार जलवायु परिवर्तन को लेकर पूरे विश्व का ध्यान इस ओर आकर्षित करने और तत्काल कदम उठाने की मांग को लेकर प्रदान किया गया।

उन्होंने कहा, “ग्रेटा ने जलवायु परिवर्तन की समस्या से लड़ने के लिए अपनी आवाज उठाने और तत्काल कार्रवाई की मांग करने के लिए लोगों को प्रेरित किया है।”
पुरस्कार की शुरुआत 1980 में की थी
इस वर्ष यह अवॉर्ड तीन अन्य लोगों को भी दिया गया। इनमें पश्चिमी सहारा क्षेत्र में लोगों के अधिकार के लिए काम करने वाली मोरक्को की अमिनतोउ हैदर, चीन में महिलाओं के अधिकार के लिए काम करने वाली वकील गुओ जियानमेई और ब्राजील में अमेजन के जंगलों को बचाने के लिए उत्कृष्ट भूमिका निभाने वाली डवी कोपेनवारा को दिया गया। इस पुरस्कार की शुरुआत स्वीडिश जर्मन दार्शनिक जकोब वॉन उसेक्सुल ने 1980 में की थी।
2018 में वैश्विक जलवायु आंदोलन शुरू की थी
ग्रेटा ने वैश्विक जलवायु आंदोलन ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ और ‘स्कूल स्ट्राइक फॉर द क्लाइमेट’ नाम से अगस्त 2018 में शुरू किया था। उन्होंने स्कूल जाना बंद कर दिया था और स्वीडन की संसद के सामने अकेले बैठकर प्रदर्शन करती थी। इसके बाद धीरे-धीरे कई स्कूल के बच्चों ने उनका साथ देना शुरू कर दिया था। इससे वह चर्चा में आई थीं। ग्रेटा थनबर्ग ने न्यूयार्क में आयोजित यूएन जलवायु सम्मेलन में सोमवार को अपने भाषण से पूरे विश्व को झकझोर दिया।
ग्रेटा नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित हुईं   
इसी साल मार्च में ग्रेटा को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जा चुका है। अगर दिसंबर में उन्हें यह अवॉर्ड मिलता है तो वे इसे पाने वाली सबसे युवा शख्सियत होंगी। जलवायु परिवर्तन पर अभियान के लिए उन्होंने एक साल के लिए स्कूल से छुट्टी ली है।

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