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मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ द्वारा "मध्यप्रदेश और गाँधी जी" पुस्तक का लोकार्पण


भोपाल। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आज यहाँ भारत भवन में गाँधी जयंती पर आयोजित 'गाँधी पर्व'' समारोह में जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित 'मध्यप्रदेश और गाँधी जी'' पुस्तक का लोकार्पण किया। ज्ञातव्य है कि 'मध्यप्रदेश और गाँधी जी'' पुस्तक का प्रथम संस्करण वर्ष 1969 में गाँधी जन्मशती वर्ष पर प्रकाशित किया गया था। आधी शती के बाद, अब गाँधी जी के 150वें जन्म-दिवस पर इस पुस्तक का पुन: प्रकाशन किया गया है।

यह पुस्तक गाँधी जी की तत्कालीन मध्यप्रदेश यात्राओं और उनके विचारों के संकलन का महत्वपूर्ण दस्तावेज है। पुस्तक दो हिस्सों में परिपूर्ण है। पहला खण्ड 'पदचिन्ह'' गाँधी जी द्वारा अविभाजित मध्यप्रदेश के विभिन्न अंचलों में की गई दस यात्राओं पर केन्द्रित है। दूसरे खण्ड 'प्रेरणा'' में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी द्वारा पूर्ण रूप से अनुप्राणित स्वाधीनता आंदोलन की चर्चा है, जिसने पूरे मध्यप्रदेश में जन-जागृति के नये मंत्र का संचार किया था।

पुस्तक में प्रकाशित संदेश में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि गाँधी जी का दर्शन और विचार समय की सीमाओं से परे है और हर काल-खण्ड में प्रासंगिक है। यही कारण है कि आज भी किसी राष्ट्रीय समस्या पर सम्यक रूप से विचार करने की प्रक्रिया गाँधी जी के बगैर संभव नहीं लगती।

आयुक्त एवं सचिव जनसम्पर्क श्री पी. नरहरि ने पुस्तक के प्राक्कथन में कहा कि महात्मा गाँधी की जीवन-यात्रा, दर्शन, चिंतन, दृष्टि और विचारों की सम्पदा से नई पीढ़ी भी अपना मार्ग प्रशस्त कर सकेगी। इससे नई पीढ़ी वैचारिक रूप से भी समृद्ध होगी।

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