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जयशंकर ने कहा- एक को छोड़कर सभी पड़ोसी अच्छे, राष्ट्रवाद हमारे लिए नकारात्मक भावना नहीं


नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने नई दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सत्र में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि एक को छोड़कर भारत के सभी पड़ोसी अच्छे हैं। जहां तक सवाल चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशियेटिव (बीआरआई) का है तो इस पर भारत का रुख साफ है। किसी एक देश की योजना हमारे लिए भी उपयोगी हो, यह जरूरी नहीं है।

जयशंकर ने कहा- यह मुद्दा हमारी संप्रभुता से जुड़ा हुआ है। भारत एक विशाल देश है। हम किसी दूसरे देश की योजना की नकल नहीं करेंगे। उन्होंने पाकिस्तान के अलावा कश्मीर, व्यापार और विदेश संबंधों को लेकर भी चर्चा की। जयशंकर ने कश्मीर पर मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के बयान को भी निराशाजनक बताया है।
राष्ट्रीयता हमारे के लिए कोई नकारात्मक भावना नहीं: जयशंकर
जयशंकर ने कहा- भारत के मामले में राष्ट्रवाद एक नकारात्मक भावना नहीं है। भारत एक अपवाद है क्योंकि हम अधिक राष्ट्रवादी हैं, किंतु साथ ही हम राष्ट्रीयवादी और अंतरराष्ट्रीय होने के बीच इस दृष्टि से कोई तनाव नहीं देखते हैं कि विश्व के साथ अधिक संपर्क बढ़ाया जाए। लिहाजा राष्ट्रीयता हमारे के लिए कोई नकारात्मक भावना नहीं है।
जयशंकर ने कहा- व्यापार समझौता एक जटिल मामला
उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की संभावना पर कहा कि यह इतना आसान नहीं है। यह काफी जटिल मामला है। यदि इसमें समय लग रहा है तो ठीक है। दक्षिण एशिया सहयोग के बारे में जयशंकर ने कहा, ‘‘भारतीय उपमहाद्वीप में क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग सबसे कम है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते है कि इस दिशा में प्रगति हो और उन्हें लगता है कि हमें इस बारे में कुछ करने की जरूरत है। भारत इसके लिए माहौल बना रहा है।’’
मोहम्मद को ऐसे बयान से बचना चाहिए: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि मोहम्मद को इस तरह के बयान से बचना चाहिए। जम्मू-कश्मीर ने बाकी रियासतों की तरह भारत के साथ विलिनीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पाकिस्तान ने हमला करके जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया। मलेशिया की सरकार को कुछ भी कहने से पहले इस तथ्य को ध्यान में रखना चाहिए।
तुर्की सरकार बयान देने से पहले जमीनी हकीकत समझे: कुमार
पिछले हफ्ते यूएनजीपी की जनरल एसेंबली में महातिर मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर टिप्पणी करते हुए इसे भारत का आक्रमण करार दिया था। मोहम्मद ने भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने की सलाह भी दी थी। वहीं तुर्की के राष्ट्रपति तयैप एर्डोगन ने कहा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच इस मुद्दे पर समझौते की जरूरत है।

यह मुद्दा टकराव की बजाय बातचीत से हल किया जाना चाहिए। रवीश कुमार ने इस पर कहा कि हम तुर्की सरकार को कहेंगे कि वह कोई भी बयान देने से पहले जमीनी हकीकत को समझ ले। ये मुद्दा पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है।
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