नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पाकिस्तान की टिप्पणी पर भारत ने आपत्ति जताई। शनिवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि यह फैसला मोदी सरकार की कट्टर हिंदू विचारधारा को दर्शाता है। एक तरफ करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन हुआ और इस खुशी के मौके पर भारत में असंवेदनशीलता दिखाई गई। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को हमेशा से हमारे आतंरिक मसलों को लेकर टिप्पणी करने की मानसिक बीमारी रही है। उसका मकसद सिर्फ नफरत फैलाना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “हम भारत के आंतरिक और सिविल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान की टिप्पणी को पूरी तरह खारिज करते हैं। उसकी टिप्पणी अनुचित और अनावश्यक है। यह फैसला कानून और सभी धर्मों के समान भाव को दर्शाता है जो कि उनके देश का हिस्सा नहीं है। पाकिस्तान की समझ के अनुसार उनकी इस टिप्पणी पर आश्चर्य नहीं होता है क्योंकि नफरत फैलाने और हमारे आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने की उनकी मानसिक बीमारी रही है।”
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को 134 साल पुराने अयोध्या जमीन विवाद पर फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या की 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया। बेंच ने मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का भी निर्देश दिया है। 6 अगस्त से 16 अक्टूबर तक इस मामले पर 40 दिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
