नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंचने के बीच सुप्रीम काेर्ट ने मंगलवार काे इस मुद्दे पर एक नया केस दर्ज किया। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की विशेष बेंच बुधवार काे इस मामले पर सुनवाई करेगी। पिछले काफी समय से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार गंभीर और बेहद खराब स्तर पर बनी हुई है। बुधवार को प्रदूषण का स्तर फिर खतरनाक श्रेणी में पहुंच सकता है। हालांकि 7 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना है। हवा की गति भी बढ़ेगी, इससे प्रदूषण कम होगा।
प्रदूषण से जुड़े एक अन्य मामले पर साेमवार काे भी सुप्रीम काेर्ट ने हालात काे बेहद गंभीर बताते हुए खेताें में पराली जलाने पर तुरंत राेक लगा दी थी। साथ ही दिल्ली-एनसीआर में सभी प्रकार के निर्माण कार्याें पर भी पाबंदी लगाई थी। काेर्ट ने कहा था कि लाेगाें काे मरने के लिए नहीं छाेड़ा जा सकता है। शीर्ष अदालत ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवाें काे भी बुधवार काे तलब किया है। दिल्ली के मुख्य सचिव विजय कुमार देव काे भी काेर्ट में पेश हाेना हाेगा। काेर्ट ने कहा था कि वैज्ञानिक डेटा दिखाता है कि प्रदूषण की वजह से दिल्ली में लाेगाें का जीवनकाल कम हाे रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को प्रदूषण में बड़ी कमी देखने को मिली। गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव केंद्रों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से 351 के बीच दर्ज किया गया। दिल्ली में एक्यूआई की बात करें तो 24 घंटे में 83 प्वाइंट गिरा। मंगलवार को यह 324 दर्ज किया गया। ये पिछले दस दिन की सबसे साफ हवा है। दिल्ली के सभी 36 केंद्रों में कहीं भी हवा में प्रदूषण सीवियर कैटेगिरी में नहीं पहुंचा।
