भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या मामले में आए फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने सभी से मिलजुल कर इस फैसले का सम्मान के साथ आदर करने की बात कही है। नाथ लगातार हर घंटे वीसी के जरिए मुख्य सचिव, डीजीपी, कलेक्टर, कमिश्नर और विधायकों के संपर्क में रहे और पल-पल की स्थिति का जायजा लिया। दो घंटे पुलिस मुख्यालय में रहकर कानून व्यवस्था की समीक्षा की। पीएचक्यू में मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मैं यह अनुरोध करता हूं कि प्रदेश की जनता इस फैसले के बाद किसी भी विरोध, जश्न का हिस्सा न बने। पहले भी यह अपील कर चुका हूं।
लोग आपसी भाईचारा, संयम, अमन-चैन शांति व सदभाव बनाए रखें।’ नाथ ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सक्रिय और सजग रहकर काम करें। साथ ही नागरिकों से सतत संपर्क स्थापित कर उन्हें अफवाहों से सावधान रहने को कहें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मेरी सुबह गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर चर्चा हुई। उन्होंने मुझसे कहा कि राज्य सरकार को किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो केंद्र सरकार सहयोग देने के लिए तैयार है। मैंने उनसे कहा कि प्रदेश में पुलिस और प्रशासन ने पूर्व से ही शांति व्यवस्था बनाए रखने की पूरी तैयारी कर ली है। पूरे प्रदेश में शांति है।
मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने सुबह 7 बजे मुख्यमंत्री कमलनाथ को तमाम परिस्थितियों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने मंडला दौरा रद्द किया और भोपाल पहुंचे।
गुना की तहसील कुंभराज के एक पटवारी को फेसबुक आईडी पर आपत्तिजनक पोस्ट के कारण सस्पेंड कर दिया गया। तीन दिन तक पुलिस और प्रशासन एक साथ पेट्रोलिंग में रहेंगे।
कल स्थिति सामान्य होने के आसार
पूरे मप्र में धारा 144 लागू है। उम्मीद है सोमवार तक हालात सामान्य हो जाएंगे। राज्य सरकार इसमें रविवार को ज्यादा ढील देने के मूड में नहीं है। शाम तक सबकुछ सामान्य रहा तो सोमवार को कुछ कंपनियां हटाई जाएंगी। खुफिया सूचना के आधार पर 8 से 10 जिलों को अति संवेदनशील मानते हुए नजर रखी जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सबको सम्मान करना चाहिए। इसमें किसी की हार नहीं हुई। भारत देश एक ऐेतिहासिक और प्राचीन राष्ट्र है। इसीलिए हमने दुनिया को संदेश दिया। सभी से अपील है कि मप्र को शांति का टापू बनाए रखें। भाईचारा किसी भी कीमत पर नहीं टूटना चाहिए।
