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#छेड़ोगे तो छोड़ेंगे_नहीं!


डोनाल्ड ट्रंप की सबसे अच्छी बात ये है कि आतंक को सीधा इस्लामिक बोलता है और वायरस को चाइनीज!
आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट होती है तो, अमेरिकी सेना भारत के पक्ष में खड़ी होगी! आर्म्ड कनफ्लिक्ट होती है तो फ्रांस भारत को पूरा मिलिट्री सपोर्ट देगा! वहीं चीन अकेला खड़ा है। चीन ने भारतीय इलाका कब्जा करने का प्रयास किया, भारतीय मिलिट्री ने उन्हें रोका. चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर घात लगाकर हमला किया, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने चीनी सीमा में घुसकर उनके 100 से अधिक सैनिक मार दिए और चीनी सेना के एक कर्नल को उसके अंगरक्षक मारकर जिंदा उठा लाये, और चीनी सेना द्वारा बनाया गया टेंपरेरी टेंट भी फूंक आये!! चीन अपनी जनता से मारे गए सैनिकों के आंकड़े छुपाता फिरता रहा,जबकि बाद में चीनी सेना के ही एक पूर्व अधिकारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि चीन ने भारत के संग हुई झड़प में 100 से अधिक सैनिक खोये हैं! अपने 100 से अधिक सैनिकों को गंवाया, विश्व भर में अपनी सैन्य शक्ति के फर्जी हव्वे के रूप में जो साख बनाई थी  उस साख को गंवाया,और भारत के मुट्ठीभर सैनिकों द्वारा बुरी तरह लतियाये जाने के बाद विश्व भर में अपनी सैन्य क्षमता की खिल्ली भी उड़वाई।भारत ने चीन की आर्थिक नकेल कसनी शुरू कर दी, चीनी ऐप बैन कर दिए, सरकारी कॉन्ट्रेक्ट्स से चीनी कंपनियों को निकाल दिया गया, चीनी उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी मल्टीफोल्ड बढ़ानी शुरु कर दी, चीन से आए उत्पादों को कस्टम क्लीयरेंस तक देना रोक दिया और धीमा कर दिया! भारत की जनता ने भी चीनी वस्तुओं का बहिष्कार शुरू किया इससे चीन को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है! भारत के पदचिन्हों पर चलते हुए अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और अन्य देश भी चीनी एप्स पर प्रतिबन्ध लगाने जा रहे हैं,जिन से चीन को और आर्थिक कष्ट होगा, साथ ही चीन के 2 सबसे बड़े बाजार अमेरिका और यूरोपियन यूनियन जिस प्रकार से आजकल चीन का विरोध मुखरतापूर्वक वक्तव्य जारी कर रहे हैं मुझे अचरज नहीं होगा यदि ये भी चीन के उत्पादों पर विभिन्न प्रकार के टैक्स लगाने शुरू कर दें और चीन से अपने आयात को निरंतर कम करते जाएं । भारत ने वन चाइना पॉलिसी को त्याग हांगकांग के मुद्दे पर चीन का विरोध किया। भारतीय नेवी को भी इंडियन ओशन रीजन विशेषकर मलक्का स्ट्रेट में चीन के प्रति आक्रामक रवैया रखने का आदेश दे दिया। करोना वायरस के विषय पर चीन से खार खाए बैठी पूरी दुनिया को भी अब भारत की तरह चीनी कंपनियों,चीनी निर्यात और चीनी सर्विसेज़ पर रोक लगाने का एक मार्ग दे दिया!
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