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एसटीआर में नई आमद बांधवगढ़ से लाई गई बाघिन पलक झपकते ही जंगलों में समाई

सोहागपुर। गई शाम बुधवार सतपुडा टाइगर रिजर्व में एक 3 वर्षीय बाघिन को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाकर सघन वन क्षेत्र में मुक्त किया गया। इस बाघिन को गत वर्ष संजय टाइगर रिजर्व से रेस्क्यू किया गया था। 

दो दिन पहले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का 6 सदस्यीय दल बांधवगढ़ पहुंचा। अगले दिन उसे वन्यप्राणी चिकित्सक द्वारा बेहोश कर उसके गले में रेडियो कॉलर लगाई गई तथा बाघिन को पिंजरे में रखकर रातों रात सतपुडा टाइगर रिजर्व की ओर रवाना किया गया। लगभग 12 घंटे की यात्रा के पश्चात क्षेत्र संचालक एल. कृष्णमूर्ति, सहायक संचालक सोहागपुर, संदेश माहेश्वरी तथा सहायक संचालक पिपरिया, एवं वन्य प्राणी चिकित्सक  डॉक्टर गुरुदेव शर्मा तथा अन्य अमले की उपस्थिति में बाघिन का पिंजरा खोला गया। पिंजरा खोलते ही बाघिन पलभर में ही जंगल में समा गई।

गले में लगी कॉलर होगी मॉनिटरिंग

क्षेत्रीय संचालक कृष्ण मूर्ति के मुताबिक अब इस बाघिन की मॉनिटरिंग उसके गले में लगी कॉलर के द्वारा प्राप्त सिग्नल के माध्यम से चौबीसों घंटे की जाएगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में पीपुल्स समाचार को बताया कि बाघिन पूर्णत: स्वस्थ तथा सक्रिय पाई गई।

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