♦️अलग-अलग मामलों के तहत ₹ सात हजार की दोहरे इनाम की वारंटी थी माँ-बेटी
♦️महिला के मकान में पुलिस की ओचक दबिश से कब्ज़े में आई शातिर माँ-बेटी
जुन्नारदेव। अपराध को कारित कर दिए जाने के बाद अपराधी चाहे कितना भी दर-दर भटके उसे आखिरकार पुलिस के चंगुल में फंसना हीं होता है। ऐसा ही एक मामला थाना जुन्नारदेव अंतर्गत का है, जिसमें शातिर माँ-बेटी ने सन 2011 में आबकारी एक्ट से जुड़े अपराध को कारित कर चुकी थी और उसके बाद से ही वह लगातार पुलिस की पकड़ से दूर थी, लेकिन मुखबिर की सूचना मिल जाने के बाद अंततः पुलिस ने उन्हें बीते रात को ग्राम अंबाड़ा में घेराबंदी कर उसके निवास से अंततः पकड़ ही लिया और उसे सक्षम न्यायालय में पेश किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार जुन्नारदेव थाना अंतर्गत अंबाड़ा चौकी क्षेत्र की निवासी महिला एवं उसकी पुत्री के विरुद्ध सन 2011 में आबकारी एक्ट से जुड़े दो प्रकरण दर्ज किए गए थे। इससे पहले की सक्षम न्यायालय के द्वारा उससे जुड़े इन मामलों में सुनवाई उपरांत फैसला दिया जाता, इसके पहले से ही यह माँ-बेटी बीते 10 वर्षों से लगातार फरार हो गई। फरार की इस 10 वर्षों की अवधि में वह भोपाल सहित अन्यत्र स्थानों पर पुलिस से छिप छिप कर भागती रही है। मुखबिर से सूचना मिलने के बाद जुन्नारदेव पुलिस हरकत में आ गई और उसने बीते रात को उसी के निवास से पकड़कर आज न्यायालय में पेश कर दिया गया है।
इस दल को मिली सफलता---
जिला पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल के निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव उइके और अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) एसके सिंह के मार्गदर्शन में नगर निरीक्षक बृजेश मिश्रा के द्वारा उक्त वारंटी माँ-बेटी को धर पकड़ने के लिए दल गठित किया गया था। इस दल में अंबाडा चौकी प्रभारी शरद मालवीय, आरक्षक राकेश चौरासे (क्र 523), आरक्षक नितेश रघुवंशी (क्र 236), आरक्षक अजय रघुवंशी (क्र 467) एवं महिला आरक्षक हेमलता उइके एवं मनीषा बघेल शामिल थे।