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यूरिया की कालाबाजारी से बिफरे किसानों ने अफसरों को आॅफिस में बंद करके ताला ठोका

उज्जैन जिला विपणन कार्यालय में अफसरों को बचाने पहुंची पुलिस से किसानों की झड़प

भोपाल। खाद की कमी से जूझ रहे किसानों के सब्र का बांध उस समय टूट गया, जब बताया गया कि खाद खत्म हो गई है। इससे बिफरे किसानों ने कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और जिला विपणन अधिकारियों को दफ़्तर में ही घेरकर बाहर से ताला लगा दिया। इस पर अफसरों को छुड़ाने पुलिस पहुंची तो किसानों के साथ झड़प हो गई। यह वाकया उज्जैन का है। 

दरअसल मंगलवार को उज्जैन के टावर चौराहे पर स्थित जिला विपणन कार्यालय के सामने सैकड़ों किसान इकट्ठा हो गया और यूरिया की मांग करने लगे। भारतीय किसान संघ से जुडेÞ किसानों ने आरोप लगाया कि किसानों को देने के बजाय यूरिया खाद को प्राइवेट दुकानदारों को बेच दिया गया है, जोकि महंगे दामों पर किसानो को बेच रहे हैं। किसानों में इतना ज्यादा गुस्सा था कि वह कुछ भी सुनने को तैयार नही थे। आखिरकार किसानों ने विपणन कार्यालय को घेर कर सारे अधिकारियों और कर्मचारियों को अंदर बंद करके ताला लगा दिया और बाहर सीढ़ियों पर बैठ कर नारेबाजी करने लगे।

1800 मीट्रिक टन खाद गायब किया

किसानों का आरोप है कि बीते 3 नवंबर को 1800 मीट्रिक टन खाद आया था, लेकिन किसी भी सोसायटी तक नहीं पहुंचा। न ही किसी किसान को मिला है। इसके बाद भी अफसर झूठ बोल रहे हैं कि सारा यूरिया सोसायटियों को भेजा जा चुका है। विपणन कार्यालय के अधिकारी रिकॉर्ड भी नहीं दिखा रहे हैं। दूसरी ओर जिला विपणन अधिकारी विवेक तिवारी ने कालाबाजारी के आरोपों को गलत बताते सफाई दी कि हमारे पास 30 अक्टूबर को 2200 मीट्रिक टन कृभको खाद आया था, जिसको 172 सरकारी समितियों तक पंहुचा दिया गया।  अब उन्होंने किस किसान को दिया, किस को नहीं, हमें नहीं पता. हमारे पास निजी समितियों को खाद देने का अधिकार ही नहीं है। 

पुलिस से किसानों की झड़प 

अफसरों की तालाबंदी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस से किसानों की झड़प हो गई। तब तक मौके पर पहुंचे एसडीएम संतोष टैगोर ने किसानों से बात करके किसी तरह मनाया। इसके बाद ही पुलिस ने ताला खोल कर अफसरों को मुक्त कराया। एसडीएम टैगोर ने किसानों से कहा कि समस्या के बारे में कलेक्टर से डिस्कस करके  कल तक निराकरण करवाएंगे। इसके बाद ही किसान शांत हुए और प्रदर्शन खत्म किया।

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