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रीवा जिले की पांच पंचायतों की 51 एकड़ जमीन पर बनेगा गोवंश वन्य विहार

गोसंवधर्न बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद की पहल पर हर साल गोसेवा के लिए जनसहयोग से जमा होंगे 3650 करोड़ रुपए

भोपाल। प्रदेश में गोवंश संरक्षण और विकास के लिए रीवा जिले की पांच ग्राम पंचायतों की 51 एकड़ जमीन पर गोवंश विहार बनेगा। इसके साथ ही हर गोपाष्टमी पर 3650 करोड़ रुपए जनसहयोग से एकत्रित होंगे। इसके लिए कम से कम एक करोड़ु लोगों को प्रतिदिन 10 रुपए बचाकर गोशालाओं को देने होंगे। वहीं सागर विश्वविद्यालय में कामधेनु पीठ की स्थापना भी की जा रही है। 

यह जानकारी मध्यप्रदेश गो पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद ने सोमवार को मीडिया से साझा की। इस मौके पर पशुपालन विभाग के संचालक डॉ. राजेंद्र कुमार मेहिया भी थे। स्वामी अखिलेश्वरानंद ने आगामी गोपाअष्टमी 12 नवम्बर से गौग्रास के निमित्त रोज 10 रुपये अपनी गुल्लक में जमा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगली गोपाअष्टमी परएक करोड़ लोगों की बचत से यह राशि 3650 रुपये निकट की गौ-शाला में दान करें। उन्होंने कर्मचारियों, अधिकारियों और जन-प्रतिनिधियों से भी एक दिन का वेतन साल  में एक बार गोपाअष्टमी के दिन गौ-शाला को दान करने का आग्रह किया है।  बीते 4 सालों में 900 करोड़ रुपये से कुल 1728 गोशालाओं का निर्माण एवं संचालन किया जा रहा है। यहां गायों को प्रतिदिन 20 रुपए दिए जाते हैं। स्वामी ने बताया कि रीवा जिले के बसावन मामा क्षेत्र की 5 पंचायतों को मिलाकर 51 एकड़ क्षेत्र में गौवंश वन्य विहार विकसित किया गया है, जिसमें 4 हजार गौवंश हैं। जबलपुर जिले के गंगईवीर में 10 हजार गौवंश और दमोह जिले में 4 हजार गौवंश की क्षमता वाला वन्य विहार विकसित किया जा रहा है।

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