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शिक्षा का उपयोग समाज और देश की भलाई के लिये होना चाहिए : राज्यपाल पटेल

भोपाल। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि शिक्षा से प्राप्त संस्कारों से समाज के वंचित और प्रगति की धारा में पीछे रह गए लोगों के विकास और कल्याण के लिये निष्ठा के साथ प्रयास किए जाना चाहिए। राज्यपाल शनिवार को आईटीएम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने आईटीएम विश्वविद्यालय से डिग्रियाँ प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दी।

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। कुलाधिपति आईटीएम यूनिवर्सिटी श्रीमती रूचि सिंह, प्रो. भारत सिंह, कुलपति डॉ. एस.एस. भाकर, श्रीमती अश्विनी पाण्डेय, प्रो. गगनदीप कंज, श्री रनजीत सिंह एवं रजिस्ट्रार श्री ओमवीर सिंह उपस्थित थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि छठवें दीक्षांत समारोह में जिन विद्यार्थियों को डिग्रियाँ मिल रही हैं, उनको और उनके परिवारों को बधाई। राज्यपाल ने अपेक्षा की कि मानक उपाधि धारकों की प्रतिबद्धता संकल्प शक्ति से नव दीक्षांत विद्यार्थी प्रेरणा लेंगे और राष्ट्र, समाज की सेवा के लिये संकल्पित होकर कार्य करेंगे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश में युवाओं के लिये अनुकूल वातावरण बनाया है, जिससे हर तरफ प्रगति की अपार संभावनाएँ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रूप में शिक्षा को बंधन मुक्त कर युवाओं के हौंसलों को उन्नति के अपार अवसर देते हुए उन्हे अपने सपनों को साकार करने में सक्षम बनाया है। युवा नौकरी देने वाले बनें, इसके लिये स्टार्टअप शुरू करने, पूँजी उपलब्ध कराने के लिये एक हजार करोड़ रूपए का स्टार्टअप इंडिया सीड फंड शुरू किया है।

राज्यपाल कहा कि कृषि से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिये एक लाख करोड़ रूपए का एग्रो इन्फ्रा फण्ड भी बनाया है। इसके साथ ही सरकारी खरीदी के लिये जैम पोर्टल बनाकर स्टार्टअप उत्पादों को विक्रय के समान अवसर उपलब्ध कराए हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि विद्यार्थी स्वयं की प्रगति करते हुए राष्ट्र और समाज के विकास में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल पैसा कमाना नहीं होता है। शिक्षा के माध्यम से समाज और देश के विकास में कितना योगदान दे सकते हैं, उसका उतना प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईटीएम यूनिवर्सिटी से अपना अध्ययन पूर्ण कर विद्यार्थी अपने आने वाले भविष्य के लिये तैयार हुए हैं। देश में अपार संभावनायें हैं। सभी विद्यार्थी अपना उज्ज्वल भविष्य बनाएँ और विश्वविद्यालय परिवार के साथ प्रदेश और देश का नाम भी रोशन करें।

मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मनुष्य के दो जन्म होते हैं। पहला जन्म माँ-बाप देते हैं और दूसरा जन्म शिक्षक देते हैं। शिक्षा ग्रहण करने के बाद नव-जीवन में मनुष्य अपने लिए समाज में स्थान बनाता है और देश के विकास में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने के लिये आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सामने खुला आसमान है, वे अपनी क्षमता के अनुरूप उड़ान भरें और अपने जीवन को सार्थक सिद्ध करें।

कुलपति आईटीएम विश्वविद्यालय श्रीमती रूचि सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय से डिग्रियाँ लेकर अब विद्यार्थी अपने जीवन को सार्थक करने के लिये आगे अच्छे से अच्छा कार्य करें, जिससे इस विश्वविद्यालय का नाम भी रोशन हो। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जीवन भर विद्यार्थी रहता है। जीवन के अंतिम समय तक कुछ न कुछ सीखने की इच्छा ही व्यक्ति को सफल और योग्य बनाती है।

प्रो. गगनदीप कंज ने विद्यार्थियों से कहा कि वे पूरी दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ अपनी मंजिल की ओर बढ़ें। सच्चे प्रयास कभी भी असफल नहीं होते हैं।

दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को विभिन्न विषयो में अध्ययन पूरा करने पर डिग्रियाँ प्रदान की गईं। साथ ही श्री अश्विनी देशपाण्डे एवं प्रो. रनजीत सिंह को मानक उपाधि से सम्मानित किया गया।

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